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लखनऊ/ कानपुर देहात। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंकित शर्मा व 13 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 की धारा 27 के अनुसार अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। कुछ अपवाद हैं जैसे जनगणना, आपदा राहत, स्थानीय निकाय, विधान सभा, लोक सभा चुनाव की ड्यूटी में लगाया जा सकता है। याची का कहना है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चुनाव कार्य में शामिल नहीं है। मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात करना अवैध है साथ ही सुनीता शर्मा केस के फैसले का खुला उल्लंघन है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका की सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी।
राजेश कटियार,कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद से जारी अवकाश तालिका के अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है।… Read More
कानपुर : सर्वोदय नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में आज सुबह अचानक जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पहुँचते ही हड़कंप मच… Read More
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
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