G-4NBN9P2G16
लखनऊ/कानपुर देहात। बीएड कालेजों की गुणवत्ता पर उठते सवालों के बीच चार वर्षीय नए इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया है। मंत्रालय अभी सिर्फ सरकारी शिक्षण संस्थानों को ही इस नए कोर्स को चलाने की अनुमति देने के पक्ष में है।पूरे देश में दो वर्षीय सामान्य बीएड की जगह अब इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स लागू होगा। इस कोर्स में नामांकन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगा। धीरे धीरे सभी जगह 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 2 वर्षीय बीएड को रिप्लेस कर दिया जायेगा।
सत्र 2023-24 से अब इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई अनिवार्य की जा रही है। इस कोर्स में नामांकन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगा। एनसीटीई ने दो वर्षीय बीएड की जगह अब शैक्षणिक सत्र 2023-24 से पूरे देश में आइआइटी, एनआइटी, केंद्र और राज्य सरकार के विवि और सरकारी कॉलेजों में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीइपी) शुरू किया है। यह नयी शिक्षा नीति के तहत प्रमुख कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के तहत बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कोर्स को शामिल किया जायेगा। इसके माध्यम से फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5 3 3 4) स्कूलों के लिए शिक्षकों को तैयार किया जायेगा। यह कोर्स सभी छात्रों के लिए होगा जो प्लस टू के बाद अध्यापन को पेशे के रूप में चुनना चाहते हैं। इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा क्योंकि वे वर्तमान स्नातक में आवश्यक पांच वर्षों के बजाय चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा कर एक वर्ष बचा सकेंगे। एनसीटीई के सदस्य सचिव केवाइ शेरपा ने कहा है कि इस कोर्स में नामांकन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगा। इसकी परीक्षा ऑनलाइन होगी। इसका विज्ञापन शीघ्र ही जारी होगा।
शेरपा ने कहा है कि संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए 31 मई 2023 तक एनसीटीई के पास आवेदन कर सकते हैं।
आठ सेमेस्टर का होगा कोर्स-
आइटीइपी चार शैक्षणिक वर्ष का होगा जिसमें इंटर्नशिप सहित आठ सेमेस्टर शामिल होंगे। कोई भी छात्र किसी सेमेस्टर को पूरा करने में असमर्थ रहता है या किसी सेमेस्टर की अंतिम परीक्षा में शामिल नहीं हो सका हो तो उसे कार्यक्रम में प्रवेश की तारीख से अधिकतम छह साल की अवधि के भीतर कार्यक्रम पूरा करने की अनुमति रहेगी। एक सेमेस्टर में प्रवेश की अवधि को छोड़कर परीक्षाओं की अवधि सहित कम से कम 125 कार्य दिवस होंगे। एक सप्ताह के अंतर्गत कम से कम 40 घंटे काम होंगे। विद्यार्थियों की क्लास में उपस्थिति 80 प्रतिशत व इंटर्नशिप सहित 90 प्रतिशत होनी चाहिए।
एनसीटीई का मानना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों को तैयार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। ऐसे में जब तक यह कोर्स पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो जाता है तब तक इसे सिर्फ सरकारी और शीर्ष शिक्षण संस्थानों से ही चलाने की अनुमति दी जाएगी।
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
आज का समाज विचारधाराओं में इस कदर विभाजित है कि हर बात, हर विचार और हर व्यक्ति को किसी न… Read More
नई दिल्ली/कानपुर देहात। आयकर विभाग ने सोमवार को आईटीआर दाखिल करने के आखिरी दिन रिटर्न भरने में लोगों को हुई… Read More
This website uses cookies.