अब तीन साल में होगा बीएड संग एमएड, पढ़े जानकारी
अब छात्र बीएड के साथ एमएड भी कर सकेंगे। यह ड्यूल डिग्री कोर्स तीन सालों का होगा। इसे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने नया कोर्स जारी किया है। बीएड के साथ एमएड करने से छात्रों के कम से कम दो सालों की बचत हो जाएगी।
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़े मानकों के साथ जारी किया नया कोर्स
कानपुर,अमन यात्रा : अब छात्र बीएड के साथ एमएड भी कर सकेंगे। यह ड्यूल डिग्री कोर्स तीन सालों का होगा। इसे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने नया कोर्स जारी किया है। बीएड के साथ एमएड करने से छात्रों के कम से कम दो सालों की बचत हो जाएगी। अमूमन 2-2 सालों के इन कोर्स को पूरा करने में 5 साल का समय लग जाता था। हालांकि परिषद ने नया कोर्स तो जारी किया है लेकिन इसके नियम काफी कड़े रखे हैं। विशेष बात यह है कि 3 साल में ही इस कोर्स को पूरा करना होगा। अगर छात्र फेल हो जाता है तो कोर्स वहीं से समाप्त हो जाएगा।
बीएड और एमएड करने में लगते है पांच साल, अब सिर्फ तीन में होगा…
अभी तक बीएड और एमएड करने में छात्रों को कम से कम 5 साल का वक्त लग जाता था। दोनों ही कोर्स दो 2 साल के हैं, लेकिन तय समय पर परिणाम घोषित न होने कई अन्य समस्या होने की वजह से 1 साल तो निश्चित ही बर्बाद होता था। परिषद की ओर से डुएल डिग्री प्रोग्राम के तहत बीएड और एमएड एक साथ होने से कई छात्रों को सहूलियत होगी। हालांकि पीजी कर चुके छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।
मानक सख्त है, एक बार फेल तो दोबारा नहीं…
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी कहते हैं कि परिषद ने इसे लागू तो कर दिया है लेकिन कॉलेज के लिए नियम काफी कड़े रखे गए हैं। जो कॉलेज पहले से बीएड और एमएड संचालित कर रहे हैं और जिनके पास इसका 5 साल का अनुभव है वहीं इस डुएल डिग्री कोर्स को लागू कर सकते हैं। इसके अलावा कॉलेज के पास नैक का बी ग्रेड होना अनिवार्य है। छात्रों को 30 परसेंट अंक कॉलेज और 70 फीसदी अंक विश्वविद्यालय देगा। थ्योरी में 80 फीस दी और प्रैक्टिकल में 90 फ़ीसदी उपस्थिति अनिवार्य रहेगी।