अब सीबीआइ करेगी शत्रु संपत्तियों की बिक्री और किराये की रकम शत्रु देश पहुंचाने के मामले की जांच
कानपुर में वर्ष 2017 में चमनगंज निवासी प्राचार्य अहमद जमाल ने शिकायत की थी। शत्रु संपत्ति संबंधी अधिनियम के तहत घोषित किसी भी संपत्ति पर कोई भी व्यक्ति अपना दावा नहीं कर सकता है। निर्देश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर,अमन यात्रा । कंघी मोहाल समेत शहर में स्थित शत्रु संपत्तियों पर कब्जे व अवैध खरीद फरोख्त के आरोपों की जांच सीबीआइ ने भी शुरू कर दी है। इस बाबत सीबीआइ ने संपत्तियों के बाबत दस्तावेज भी मांगे हैं। माना जा रहा है कि जांच के बाद सीबीआइ अपनी ओर से भी मुकदमा दर्ज करा सकती है।
शत्रु संपत्ति संरक्षण एवं संघर्ष समिति की ओर से प्राचार्य डॉ. मो. अहमद जमाल ने शत्रु संपत्तियों पर कब्जा और उनसे अवैध रूप से अर्जित की जा रही धनराशि के बाबत वर्ष 2017 में शासन से शिकायत की थी। प्रार्थना पत्र के मुताबिक भूमाफिया शत्रु संपत्तियों को अपना बताकर बेच रहे हैं और उस रकम को शत्रु देश में हवाला व अन्य माध्यमों से भेज रहे हैं। इसके अलावा ये माफिया शत्रु संपत्तियों से आ रहे किराये की रकम भी हवाला के जरिए भेज रहे हैं। उन्होंने पत्र के जरिए सीबीआइ जांच की मांग की थी।
पिछले माह डॉ. जमाल ने कंघीमोहाल स्थित शत्रु संपत्ति की अवैध खरीद फरोख्त के मामले में बजरिया थाने में और तहसीलदार ने अनवरगंज व कल्याणपुर की तीन संपत्तियों के बाबत ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराई थी। डॉ. अहमद जमाल ने बताया कि उनके वर्ष 2017 के प्रार्थना पत्र के आधार पर सीबीआइ ने जांच शुरू की है। इस बात की जानकारी लखनऊ स्थित शत्रु संपत्ति संरक्षण कार्यालय के एक कर्मचारी ने दी है। वहां से सीबीआइ ने दस्तावेज भी मांगे हैं।
शत्रु संपत्तियों पर नहीं हो सकता दावा, फिर भी हैं कब्जे
जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 2017 में आदेश किया गया था कि शत्रु संपत्ति संबंधी अधिनियम के तहत घोषित किसी भी संपत्ति पर कोई भी व्यक्ति अपना दावा नहीं कर सकता है। चाहे वह शत्रु (पाकिस्तानी नागरिक) हो या फिर शत्रु फर्म। बावजूद इसके शत्रु संपत्तियों को अब तक प्रशासन अपने अधिकार में नहीं ले सका है। कंघीमोहाल ही नहीं, अन्य संपत्तियों पर भी वर्षों से तमाम किरायेदार और उनके परिवारीजन रह रहे हैं। कुछ संपत्तियों पर दुकानें बनी हैं, जिनका कुछ विशेष लोग हजारों रुपये महीना किराया भी वसूल रहे हैं। इसमें से एक भी पैसा जिला प्रशासन को नहीं मिल रहा है। इसी तरह कुछ संपत्तियों की खरीद फरोख्त भी हो चुकी है और माफिया लाभ कमा रहे हैं। एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि शत्रु संपत्तियों को सीज करने के संबंध में जिला प्रशासन की ओर से ही निर्णय लिया जाएगा। निर्देश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल बजरिया थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना कराई जा रही है। दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
एक दर्जन हैं संपत्तियां
जिला प्रशासन की ओर से शहर में कुल 13 शत्रु संपत्तियां चिह्नित की गई थीं। इसमें 12 संपत्तियां शाहिद हलीम नामक पाकिस्तानी नागरिक की हैं, जिन्हें 18 मई 2001 को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। हलीम की संपत्तियों में परमट की दो, हीरामन का पुरवा स्थित एक, दलेलपुरवा स्थित दो, नई सड़क स्थित एक, अनवरगंज की दो, स्वरूपनगर की दो, कल्याणपुर की एक संपत्तियां शामिल हैं। कंघीमोहाल में भी एक शत्रु संपत्ति चिह्नित की गई थी।

Author: AMAN YATRA
SABSE PAHLE
Related
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.