शिक्षा

अभिभावकों ने सीबीएसई से परीक्षा फीस वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में दायर की याचिका

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) की 10वीं और 12वीं परीक्षा रद्द होने के कारण ली गई फीस को वापस करने का आदेश दे.

CBSE 10th, 12th Exam Fees : दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) की 10वीं और 12वीं परीक्षा रद्द होने के कारण ली गई फीस को वापस करने का आदेश दे. याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी दी, ऐसे में छात्रों से वसूले गए परीक्षा शुल्क वापस किए जाने चाहिए. इस याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीएसई ने परीक्षा के नाम छात्रों से करोड़ों रुपये वसूला है. चूंकि परीक्षाएं रद्द हो चुकी है, इसलिए सीबीएसई को यह रकम रखना न्यायोचित नहीं है.

शिक्षा मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया
शुल्क वापस करने की मांग को लेकर समाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता दीपा जॉसेफ ने रिच याचिका दाखिल की है. वह 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चे की मां हैं. उन्होंने कहा है कि 7 विषयों की परीक्षा के लिए उन्होंने 2100 रुपये सीबीएसई में जमा कराए. लेकिन 14 अप्रैल को सीबीएसई ने कोरोना महामारी के मद्देनजर परीक्षाएं रद्द कर दी. साथ ही कहा कि अभी तक परिणाम भी जारी नहीं किया. इसके साथ ही याचिका में कहा है कि जून माह में सीबीएसई ने 12वीं कक्षा की भी परीक्षाएं रद्द कर दी. याचिका में सीबीएसई के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया गया है.

जोसेफ ने याचिका में कहा है कि सीबीएसई ने लाखों छात्रों से परीक्षा आयोजित करने वाले शुल्क के तौर पर रकम लिए हैं, ऐसे में जब अब परीक्षाएं रद्द कर दी गई है तो सीबीएसई का कोई खर्च नहीं हुआ है, ऐसे में शुल्क वापस किया जाना चाहिए. क्योंकि जो पैसे लिए जाते हैं वह परीक्षा केंद्र, कॉपी निरीक्षक आदि पर खर्च किए जाते हैं लेकिन परीक्षा हुई नहीं, इसलिए इन चीजों पर एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ. अतः अभिभावकों को पैसा वापस कर देना चाहिए. इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. इसी तरह की मांग ऑल इंडिया पैरेंट एसोसिएशन ने भी किया है.

पिछले साल याचिका रद्द हुई थी

पिछले साल 17 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई एवं दिल्ली सरकार को कोविड-19 और कुछ अभिभावकों की वित्तीय समस्याओं के मद्देनजर ततत्कालीन अकादमिक वर्ष में 10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों का परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दिया था.

Author: aman yatra

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