अस्पताल में लापरवाही की खुली पोल, जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने आज जिला महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई।

- मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत, साफ-सफाई में भी मिली खामियां
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने आज जिला महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। जिलाधिकारी ने जच्चा-बच्चा वार्ड, इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों का जायजा लिया और मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान दो मरीजों ने शिकायत की कि ऑपरेशन के नाम पर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उनसे 6 हजार रुपये लिए गए। मरीजों ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि यह राशि ऑपरेशन में खर्च होगी। हालांकि, जब उनके पति अभिषेक त्रिपाठी से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने ऑपरेशन के लिए कोई राशि नहीं दी है। जिलाधिकारी ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दो दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में किसी आशा कार्यकर्ता, नर्स या सीएमएस की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक अन्य महिला मरीज ने शिकायत की कि उसे काफी देर तक भर्ती नहीं किया गया। जिलाधिकारी ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए महिला को वार्ड में भर्ती कराया और अस्पताल प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने वार्डों में साफ-सफाई की कमी भी देखी और संबंधित अधिकारियों को तत्काल सफाई कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है और अस्पताल परिसर की स्वच्छता में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
इस औचक निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र देव शर्मा, सीएमएस सुनीता बनौधा और अन्य संबंधित अधिकारी व चिकित्सक मौजूद रहे।
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