आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में बनाए जाएंगे लर्निंग कॉर्नर, प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि जारी

आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) बनाया जाएगा। इसकी मदद से कक्षा में छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा। कक्षा में चार लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसमें रीडिंग कॉर्नर, आर्ट कॉर्नर, ब्लॉक कॉर्नर और परफार्मेंस कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि ज़िलों को उपलब्ध कराई गई है

कानपुर देहात। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) बनाया जाएगा। इसकी मदद से कक्षा में छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा। कक्षा में चार लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसमें रीडिंग कॉर्नर, आर्ट कॉर्नर, ब्लॉक कॉर्नर और परफार्मेंस कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि ज़िलों को उपलब्ध कराई गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए स्कूलों में पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन भी किया जाएगा। जिसमें अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, विद्यालय के प्रधानाध्यापक-इंचार्ज अध्यापक सदस्य सचिव, संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदस्य, संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर सदस्य और नोडल अध्यापक प्री-प्राइमरी भी इसके सदस्य होंगे। इसके लिए प्रति केंद्र 8110 रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जाएगा। लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए शिक्षण सामग्री खरीदी जाएगी। बच्चों की रुचि बनाए रखने के लिए समय-समय पर लर्निंग कॉर्नर की सामग्री को बदला जाएगा। इससे छात्रों को खेलने और सीखने की सुविधा मिलेगी।

नंबर गेम, पिक्चर बुक, फोम मैट, किचन व फूड सेट से सीखेंगे बच्चे-
प्रदेश के परिषदीय विद्यालय परिसरों में चल रहे 52836 आंगनबाड़ी केंद्रों (को लोकेटेड) में लर्निंग कॉर्नर बनेंगे। यहां बच्चों के सीखने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण व्यवस्था होगी। इसमें बच्चों को नंबर गेम, चित्रों के माध्यम से शब्द, फल व जानवरों आदि की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए 42.84 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। बता दें कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिए तमाम काम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) के अनुमोदन के बाद अब लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। हर विद्यालय में चार लर्निंग कॉर्नर विकसित किए जाएंगे। रीडिंग कॉर्नर में फोम मैट व वर्णमाला, खुले रैक, पिक्चर व स्टोरी वाली किताबें, इंटरैक्टिव बुक मार्क, स्लेट, पोस्टर आदि होगा। आर्ट कॉर्नर में पेपर, प्लास्टिक के फल व पौधे, सब्जी, एनिमल, टूट ब्रश, आर्ट शीट आदि की व्यवस्था होगी। इसी तरह ब्लॉक कॉर्नर में रंगबिरंगे लकड़ी के ब्लॉक, पिक्चर पजल, खिलौने, क्लिपबोर्ड, शब्द व नंबर के ब्लॉक और परफार्मेंस कॉर्नर में डॉक्टर सेट, किचन सेट, वेजीटेबल सेट, फूड सेट, फ्रूट सेट, टेलीफोन, संगीत से जुड़े यंत्र डफली आदि की व्यवस्था की जाएगी।

Author: anas quraishi

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