आई.जी.आर.एस. संदर्भों के निस्तारण में लापरवाही, अधिकारियों पर गिरी गाज
कानपुर में आई.जी.आर.एस. संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही बरतने के कारण कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

- कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
कानपुर: कानपुर में आई.जी.आर.एस. संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही बरतने के कारण कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने लापरवाह अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं और कुछ के खिलाफ विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि की गई है।
इन अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई:
- उप जिलाधिकारी, नरवाल: जनवरी माह में प्रेषित संदर्भों में नौ आई.जी.आर.एस. संदर्भ समय सीमा बीत जाने के बाद निस्तारित किए गए, जिसके कारण जनपद की मासिक रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
- महाप्रबंधक, जल कल विभाग: जनवरी माह में 98 प्रकरणों के फीडबैक पर कार्रवाई नहीं की गई। दिसंबर 2024 में भी इनके स्तर पर इसी तरह फीडबैक कार्रवाई हेतु अवशेष रह गए थे, जिसके लिए तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा रोष व्यक्त किया गया था। इन्हें भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
- खण्ड विकास अधिकारी, चौबेपुर और निवर्तमान खण्ड विकास अधिकारी, घाटमपुर: जनवरी माह में प्रेषित आई.जी.आर.एस. संदर्भ में से 15 संदर्भों का समय सीमा बीत जाने के बाद निस्तारण किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायतकर्ताओं से प्राप्त आई.जी.आर.एस. संदर्भ में 85% और हेल्पलाइन संदर्भ में 75% फीडबैक नकारात्मक रहने के कारण जनपद की मासिक रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन्हें विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की गई है।
नगर निगम को भी दिया गया निर्देश:
नगर निगम को जनवरी माह में 10 संदर्भ प्रेषित किए गए थे, जिनका समय सीमा बीत जाने के बाद निस्तारण नहीं किया गया। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को चिन्हित कर उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अवगत कराएं।
आगे भी होगी कार्रवाई:
जिलाधिकारी ने कहा है कि जिन अधिकारियों द्वारा आई.जी.आर.एस. संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही या शिथिलता बरती जा रही है, उन्हें चिन्हित कर आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई आई.जी.आर.एस. संदर्भों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के लिए एक सबक है। सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आई.जी.आर.एस. संदर्भों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण किया जाए, ताकि जनता को समय पर न्याय मिल सके और शासन व प्रशासन की छवि धूमिल न हो।
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