आधार कार्ड जैसी हेल्थ आईडी बनेगी, आपके स्वास्थ्य का पूरा ब्योरा होगा दर्ज, जानें 10 बड़ी बातें
हेल्थ आईडी और पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम के जरिए तमाम स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी. हर व्यक्ति को अलग-अलग आईडी दी जाएगी.

1. एनडीएचएम के तहत स्वास्थ्य आईडी नि: शुल्क है और स्वैच्छिक है.
2. आईडी में हर बीमारी, डॉक्टरों का दौरा, ली गई दवाएं और इलाज का विवरण होगा. यह जानकारी बहुत उपयोगी होगी क्योंकि यह पोर्टेबल है.
3. हेल्थ आईडी कार्ड आधार और मोबाइल नंबर जैसे विवरणों के साथ बनाया गया है. हर व्यक्ति का आईडी कार्ड नंबर अलग-अलग होगा.
4. एनडीएचएम में हेल्थ आईडी, डिजिटल डॉक्टर, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन शामिल है.
5. स्वास्थ्य डेटा के विश्लेषण कर राज्य बेहतर स्वास्थ्य कार्यक्रम बना सकेंगे.
6. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल स्वास्थ्य योजना से जीडीपी में बढ़ोत्तरी होगी. अगले दस साल में जीडीपी में 250 बिलियन डॉलर जुड़ेंगे.
7. राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के तहत एक लाख से अधिक यूनिक स्वास्थ्य आईडी बनाए गए हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत छह राज्यों हो चुकी है.
8. सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि सुरक्षित और कुशल डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने के लिए सभी आवश्यक डेटा गोपनीय रखा जाएगा.
9.15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि एनडीएचएम देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ‘क्रांति’ लाएगा.
10. सरकार का मानना है कि इस योजना से मरीज़ को अच्छी सुविधा मिलेगी, डॉक्टर को सही ट्रीटमेंट देने में मदद मिलेगी और पूरा डाटा इकट्ठा होगा.
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