आधा शैक्षिक सत्र बीता अभी तक विद्यार्थियों को नहीं मिली पूरी किताबें
बेसिक शिक्षा विभाग का नया शैक्षिक सत्र शुरू हुए 6 महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को सभी विषयों की किताबें नहीं मिली हैं। ये हाल तब है जब सरकार खुले मन से किताबों के लिए 350 करोड़ से अधिक का बजट दे रही है।

- शैक्षिक सत्र 2022-23 में मुद्रित प्रकशित निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति के सापेक्ष शत-प्रतिशत वितरण कराये जाने के दिए गए निर्देश
- नि:शुल्क पाठ पुस्तकों के वितरण की मांगी गई सूचना
कानपुर देहात,अमन यात्रा : बेसिक शिक्षा विभाग का नया शैक्षिक सत्र शुरू हुए 6 महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को सभी विषयों की किताबें नहीं मिली हैं। ये हाल तब है जब सरकार खुले मन से किताबों के लिए 350 करोड़ से अधिक का बजट दे रही है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और अधिकारी पुस्तक वितरण का दावा कर रहे हैं जबकि हकीकत में अभी कई विषयों की पाठ्यपुस्तकें बच्चों को नहीं मिली हैं। बगैर किताबों के बच्चों को जो पढ़ाया जा रहा है उसमें क्या समझ में आया होगा। किन परिस्थितियों में अभी तक किताबें नहीं पहुंची सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। यह करोड़ों गरीब परिवारों के बच्चों से जुड़ा मामला है। इसमें जो भी दोषी अधिकारी हैं उनके खिलाफ सरकार को कार्यवाही करनी चाहिए।
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पाठ्य पुस्तक अधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग श्याम किशोर तिवारी ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए शत प्रतिशत पाठ पुस्तकों के वितरण के लिए निर्देशित किया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि विभिन्न माध्यमों से यह संज्ञानित हो रहा है कि जनपदों में आपूर्तित पाठ पुस्तकों के सापेक्ष वितरित की गई पुस्तकों की सूचनाएं कार्यालय द्वारा गलत प्रेषित की गई हैं। वास्तविकता में सभी बच्चों को किताबें नहीं मिली है। इस संदर्भ में समीक्षा किया जाना नितांत आवश्यक हो गया है। आप सभी तत्काल समीक्षा करते हुए जनपद में आपूर्तित पाठ पुस्तकों को अविलंब शत प्रतिशत बच्चों में वितरित करवाएं और उसकी सही सूचना कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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