बांदाउत्तरप्रदेश

वृद्ध माता पिता की सेवा कर करना हर संतान का कर्तव्यः डीएम

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धजन आवास वृद्धाश्रम योजना, उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण एवं समस्याओं के निस्तारण तथा जनपद में संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय से सम्बन्धित बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

बांदा। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धजन आवास वृद्धाश्रम योजना, उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण एवं समस्याओं के निस्तारण तथा जनपद में संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय से सम्बन्धित बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने वृद्धजन आवास वृद्धाश्रम की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि वृद्धजनों माता-पिता की सेवा करना हर बच्चे का कर्तव्य है, किन्तु यदि किसी कारण वश कोई भी अपने वृद्ध माता-पिता जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, उनके लिए सरकार द्वारा भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 के अनुसार उनके भरण-पोषण की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी ने अपेक्षा की है कि ऐसे वृद्ध माता-पिता को वृद्धावस्था में रखा जा सकता है, जिनके लिए संस्था ने निवासरत संवासियों की मूलभूत सुविधाओं जैसे भोजन, वस्त्र, औषधि, मनोरंजन, पर्सनल केयर आदि की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि वृद्धाश्रम जनपद बांदा में 150 क्षमता का है, जिसमें से 117 वृद्ध रजिस्टर्ड है और 33 अभी खाली हैं, जिसको लेकर जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील किया है कि यदि किसी को ऐसे वृद्ध जो असहाय एवं चलने-फिरने में असमर्थ हों एवं उनके बच्चे उनका भरण-पोषण करने में असमर्थ हों तो वह व्यवस्थापक वृद्धाश्रम श्याम किशोर त्रिवेदी, मोबाइल नम्बर 7906104189 एवं 8858308241 से सम्पर्क कर असमर्थ वृद्धजनों का रजिस्टेशन कराकर वहां रख सकते हैं एवं जिलाधिकारी, सी0डी0ओ0 एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी से दूरभाष पर सम्पर्क कर सकते हैं।

उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण एवं समस्याओं से सम्बन्धित स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, कल्याणकारी उपाय, आर्थिक सहायता एवं उभयलिंगी व्यक्तियों के पहचान पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि विषयों की समीक्षा की गयी। इनके सुरक्षा सम्मान को दृष्टिगत रखते हुए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया। उभयलिंगी व्यक्तियों के पहचान पत्र हेतु विभागीय वेबसाइट है।

जिलाधिकारी श्री पटेल ने हरदौली एवं बबेरू में चल रहे राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय की समीक्षा की गयी, जिसमें बताया गया कि आश्रम पद्धति विद्यालय में कक्षा-6 से कक्षा-12 तक की कक्षायें संचालित की जाती है। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय हरदौली में 490 छात्रों की क्षमता के सपेक्ष 417 छात्र पंजीकृत हैं। इसी प्रकार राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय बबेरू में 490 छात्रों की क्षमता के सपेक्ष 136 छात्र पंजीकृत हैं। बैठक में बताया गया कि बबेरू का भवन जर्जर होने के कारण स्वीकृत क्षमता के सापेक्ष छात्र पंजीकृत नही किये गये। अध्ययनरत छात्रों को कैटरिंग व्यवस्थानुसार पका-पकाया नाश्ता एवं भोजन दिये जाने का प्राविधान है। आवासीय छात्रों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी आदि उपलब्ध करायी जाती है। इसी प्रकार निवासरत प्रत्येक छात्र को 01 गद्दा, 02 चादर, तकिया, मच्छरदानी तथा तीन जोडी स्कूल ड्रेस एवं टै्रक सूट, तौलिया, जूते, मोजे, चप्पल, साबुन, तेल आदि की व्यवस्था निःशुल्क करायी जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को मिलने वाली सुविधायें अवश्य सुलभ करायी जायें, उसमें किसी प्रकार की कटौती न की जाए। बैठक में आश्रम पद्धति विद्यालय के बच्चों के अभिभावकों से जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के खाने-पीने एवं निःशुल्क किताबों के विषय में लगातार जानकारी लेते रहें, यदि किसी को किसी भी प्रकार की शिकायत है तो शीघ्र मुझे अवगत कराया जाए। बैठक में उपस्थित श्रीमती गीता सिंह समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि शासन से मिलने वाली सभी सुविधायें नियमानुसार उपलब्ध करायी जा रही हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकरी वेद प्रकाश मौर्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रिन्सी मौर्या, वृद्धाश्रम प्रबन्धक एस0एम0पाण्डेय, जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार सिंह सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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Author: aman yatra


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