आरक्षित वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : सौरभ सौजन्य
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य कृषि सेवा परीक्षा प्रारंभिक के परिणामों को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में रोष है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि मेरिट में होने के बावजूद उन्हें आरक्षित वर्ग में चयनित नहीं किया गया है।
- एनएसयूआई का आरोप: यूपी लोक सेवा आयोग ने की आरक्षण में धांधली
लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य कृषि सेवा परीक्षा प्रारंभिक के परिणामों को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में रोष है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि मेरिट में होने के बावजूद उन्हें आरक्षित वर्ग में चयनित नहीं किया गया है।
क्या है मामला?
“18 अगस्त, 2024 को आयोजित परीक्षा के परिणामों को लेकर आरक्षण को लेकर विवाद गहरा गया है। कुल 268 पदों में से, ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके निर्धारित कोटे के अतिरिक्त अनारक्षित श्रेणी में मेरिट के बावजूद नियुक्त नहीं किया गया। इस फैसले से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में रोष है और उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोग ने आरक्षण नियमों का उल्लंघन किया है।”
अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्न विवादित थे और इन प्रश्नों के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोग ने जानबूझकर परिणामों में हेरफेर की है।
एनएसयूआई का विरोध- इस मामले को लेकर एनएसयूआई के वरिष्ठ छात्र नेता सौरभ सौजन्य ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात की। छात्र नेताओं ने अपनी समस्याओं को प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखा। प्रदेश अध्यक्ष ने छात्रों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा छात्रों के हितों की रक्षा करेगी और इस मामले में उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
एनएसयूआई नेता सौरभ सौजन्य ने कहा कि आरक्षित वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो एनएसयूआई सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
आगे क्या? यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में गर्म है। विपक्षी दल इस मामले को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला राज्य की शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करता है।