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आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे लगभग साढ़े तीन लाख बच्चों की नहीं हुई फीस की प्रतिपूर्ति
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे लगभग साढ़े तीन लाख बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति नहीं हो पाई है। यही कारण है कि निजी स्कूल गरीब व अलाभित समूहों के बच्चों का प्रवेश लेने से बचते हैं। निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति के रूप में 340 करोड़ रुपये बकाया है।

कानपुर देहात, अमन यात्रा : आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे लगभग साढ़े तीन लाख बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति नहीं हो पाई है। यही कारण है कि निजी स्कूल गरीब व अलाभित समूहों के बच्चों का प्रवेश लेने से बचते हैं। निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति के रूप में 340 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि सरकार ने जुलाई में बच्चों की संख्या के सत्यापन के आदेश जारी किए थे। सत्यापन की रिपोर्ट अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है।
सूत्रों के मुताबिक सत्यापन में बच्चों की संख्या कम पाई गई है जबकि जिलों से आई संख्या के मुताबिक 341305 बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पंजीकृत हैं। शैक्षिक सत्र 2018-2019 में 24378, 2020-21 में 113521 और 2021-22 में 146077 विद्यार्थियों का पंजीकरण हुआ था, इनकी फीस प्रतिपूर्ति के रूप में एक भी पैसा सरकार ने नहीं दिया है।
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