अमन यात्रा ब्यूरो,पुखरायां : विवेकानंद मोहल्ले में चल रही श्रीमद भागवत कथा में मंगलवार को रामजन्म और नरसिंह अवतार की कथा विस्तार से सुनाई. राजीव शास्त्री महाराजने पंडित राजीव शास्त्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया. परीक्षित की भूमिका में रमाकांत सचान वह उनकी धर्मपत्नी विधोतमा सचान पूरी तन्मयता के साथ कथा का श्रवण कर रहे हैं. प्रख्यात प्रवचक राजीव शास्त्री ने भगवान श्रीराम के जन्म की अद्भुत कथा सुनाई। इस दौरान उनके द्वारा प्रस्तुत सोहर व अन्य भजनों पर सुधी श्रोता झूम उठे। विवेकानंद धर्मार्थ सेवा समिति पुखरायां की ओर से आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास पूज्य राजीव शास्त्री महाराज ने दूसरे दिन की कथा को विस्तार दिया। प्रवचक ने रामचरित मानस की चौपाई ‘बैरिउ राम बड़ाई करहीं’ से प्रसंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन युद्ध में रामजी ने रावण के सभी शस्त्र काट दिए। रावण मूर्छित होकर गिर गया।
भगवान चाहते तो उसे मार सकते थे। और रावण भी यही सोच रहा था कि आज वह राम के हाथों मार दिया जाएगा। भगवान राम ने उसके उठने का इंतजार किया। रावण के उठने पर भगवान राम ने कहा कि युद्ध का निर्णय फिर किया जाएगा। रावण तुम आज काफी थक चुके हो। जाओ विश्राम कर लो। रावण अपने महल में पहुंचा तो बिना कुछ खाए पिए अपने को एक कमरे में बंद कर राम के स्वभाव के बारे में सोचने लगा। चिंतित मंदोदरी के पूछने पर बताया कि राम इस स्वभाव के हैं कि शत्रु भी उनके कायल हो जाते हैं। कथा के दौरान पूज्य राजीव शास्त्री ने लोगों को जीवन के कुछ सूत्र भी बताए। उन्होंने कहा कि शरीर में भगवान की भक्ति अवतरित होने से जीवन धन्य हो जाता है। राजन महाराज ने कैलाश पर्वत की महिमा का बखान करते हुए कहा कि एवरेस्ट पर तो कई लोग चढ़ गए।
लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं पहुंच सका। उन्होंने बताया कि गूगल द्वारा क्लोज सर्किट कैमरे से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कैलाश में 50-60 फिट ऊंची छह सात मूर्तियां दिखती हैं। इससे स्पष्ट है कि आज भी भगवान शिव सपरिवार कैलाश पर्वत पर वास करते हैं। कथा के दौरान राजीव शास्त्री ने श्रीराम जन्म का अद्भुत वर्णन किया। राम जन्म के प्रारंभ में मानस की चौपाई ‘भए प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी’ सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। इसके बाद राजीव शास्त्री ने एक से बढ़कर एक भजन और सोहर सुनाकर वातावरण को राममय कर दिया। । कथा वाचक ने कहा इंसान को राम और कृष्ण के जीवन व कर्म संदेश को अपने आचरण में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा सभी को जीवन में सुधार के लिए राम की तरह आदर्श पुरुष बनने का प्रयास करना चाहिए। अपने माता-पिता व गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। जिससे जीवन का असली उद्देश्य जाना व जीया जा सके। उन्होंने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा इससे इंसान को बिना फल की चिंता करते हुए केवल कर्म पर ध्यान देना चाहिए। संगीत की धुन पर चल रही कथा सुनने बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
एक बुजुर्ग श्रोता ने कहा कि वे बचपन से रामकथा सुनते आ रहे हैं लेकिन ऐसी अद्भुत कथा आज तक नहीं सुनी। विद्योतमा देवी, धर्मा देवी, मंजू गुप्ता, मनोरमा सचान, रुची यादव, रुपा यादव, प्रीती यादव, गीता यादव, बबली गुप्ता, रानी गुप्ता, उमा यादव, सोनी गुप्ता, कमलेश कुमारी मिश्रा, शान्ती सचान, रीना त्रिपाठी, मीनू त्रिपाठी, सीमा सचान, सिया यादव, सुमन यादव, मीना देवी, बृजेश कुमारी , प्रेमा देवी, ज्योति देवी रिंकी देवी,नीरज यादव,अभिजीत सचान, आलोक प्रधान, गोलू यादव, अंकित सचान, मोहित यादव, आलोक सचान, शानू गुप्ता, सोनू गुप्ता, जतिन गुप्ता, यश सचान, राजदीप यादव, प्रिंस गुप्ता, सुमन्त यादव, बिल्लू गुप्ता, रिंकू यादव, अभिषेक यादव, रवि यादव,निर्भय सिंह यादव, संतोष सचान, प्रसून सचान, नवनीत सचान, राम नरेश, राम जनम सिंह, संतोष गुप्ता, रवी यादव, राहुल गुप्ता, संजीव कुमार गुप्ता, गुलाब सिंह यादव, आशुतोष सचान, उजागर लाल गुप्ता, श्रवण कुमार सचान, उमेश यादव, विकाश सचान, डॉ विनोद सचान, अंकुर यादव, राधेश्याम कटियार, आनन्द गुप्ता, शिव सागर गुप्ता, कमलेश गुप्ता, बीरेंद्र सचान, मनीष सचान, सनी सचान, गिरीश पाल, डॉ सुनील यादव, पिंकू सचान, विकाश कुमार गुप्ता व चरन सिंह यादव आदि लोग मौजूद रहे.
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