इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन भूलने वालों को राहत
आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने के बाद 30 दिन के अंदर ई वेरिफिकेशन न करने वाले करदाताओं को राहत दी है। ऐसे करदाताओं के लिए एक फॉर्म लॉन्च किया गया है जिसे भरने पर दोबारा आईटीआर संबंधी दस्तावेजों को जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी हालांकि लेट फीस देनी पड़ेगी।
- एक फॉर्म भरने से दोबारा आईटीआर संबंधी दस्तावेज जमा करने की नहीं पड़ेगी जरूरत
- अकेले यूपी में ही भूलने की वजह से दो लाख से अधिक आईटीआर हो जाते हैं निरस्त
कानपुर देहात। आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने के बाद 30 दिन के अंदर ई वेरिफिकेशन न करने वाले करदाताओं को राहत दी है। ऐसे करदाताओं के लिए एक फॉर्म लॉन्च किया गया है जिसे भरने पर दोबारा आईटीआर संबंधी दस्तावेजों को जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी हालांकि लेट फीस देनी पड़ेगी। अभी भूलने पर ई वेरिफिकेशन संबंधी पूर्व में की गई औपचारिकताओं को निरस्त मान लिया जाता है। ये सुविधा उनलोगों को सबसे ज्यादा राहत देगी जो आईटीआर की अंतिम तिथि 30 दिसबंर के बाद भी ई वेरिफिकेशन नहीं करते। अकेले यूपी से ही दो लाख से ज्यादा ई वेरिफिकेशन इसी भूल की वजह से निरस्त हो जाते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की इंटरनल ऑडिट कमेटी के बोर्ड मेंबर विवेक खन्ना ने बताया कि ये एक तरह से विलंब की स्वीकारोक्ति का फॉर्म है।
इसके लिए ई फाइलिंग पोर्टल पर आवेदन करना पड़ेगा। इसमें फॉर्म के साथ-साथ पांच हजार रुपये की पेनाल्टी या लेट फीस भरनी होगी। अगर बिना लेट फीस फार्म जमा किया गया तो रिटर्न को अवैध मान लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईटीआर वी (वेरिफिकेशन) की अवधि पहले 120 दिन पहले थी। इसे घटाकर 30 दिन कर दिया है। ये सुविधा ऐसे करदाताओं के लिए काफी फायदेमंद है जिन्हें बिजनेस में किसी वजह से पिछले वित्त वर्ष में नुकसान हो गया हो। दरअसल बिजनेस में नुकसान आयकर विभाग तभी मानता है जब रिटर्न 31 जुलाई तक भर दिया जाए क्योंकि नुकसान तभी कैरी फॉरवर्ड होगा। ऐसे में लोग केवल पांच हजार रुपये लेट फीस देकर लाखों के नुकसान को एडजस्ट कर सकेंगे।