प्रयागराज,अमन यात्रा। रमजान के समापन पर ईद के त्योहार के चांद का मुसलमानों को इंतजार है। 29 रोजों के मुताबिक बुधवार की शाम को चांद देखा जा सकता है। चांद दिखने पर गुरुवार को ईद का त्योहार मनेगा। अगर बुधवार को चांद न दिखा तो उसे 30 रोजों के मुताबिक गुरुवार की शाम देखा जाएगा। फिर शुक्रवार को ईद मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण लागू बंदिशों को देखते हुए रोजेदारों से मस्जिद के बजाय घरों में ही ईद की नमाज पढऩे का निर्देश दिया गया है।

मस्जिदों में चुनिंदा लोगों को ही मिलेगा प्रवेश

काजी-ए-शहर मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी का कहना है कि ईद का चांद दिखने पर कोविड-19 नियम का पालन करते हुए घरों में नमाज पढ़ें। मस्जिदों में शारीरिक दूरी मानक का पालन करते हुए चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश मिलेगा।

कोरोना काल में ईद सादगी से मनाने की अपील

माहे मुबारक रमजान की विदाई अब चंद कदम की दूरी पर है। ईद के चांद का दीदार करने को हर कोई बेताब है। हर बार ईद पर मस्जिदों और ईदगाह में नमाज पढ़ी जाती थी। कोरोना के दंश ने अबकी ईद की खुशियों पर पानी फेर दिया। उलेमा और सामाजिक संगठनों ने ईद को बेहद सादगी से मनाने की अपील की है।

चांद दिखने पर करें सूचित

काजी ए शहर मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने कहा कि रोजेदार 29 रमजान पर ईद का चांद देखें। चांद दिखने पर 9335155358, 9415648360, 9935657470, 9450612914 व 8840555701 नंबरों पर सूचना दें।

सदका ए फित्र वाजिब है

रमजान में रोजा रखने वालों के लिए सदका ए फित्र वाजिब है। मौलाना नादिर हुसैन ने बताया कि हदीस शरीफ में इसके ताल्लुक से आया है कि बंदा जो रमजान भर इबादत करता है, उसमें जो भी कमी या कोताही हुई होती है।  सदका ए फित्र की बरकत में वह पूरी हो जाती है. एक हदीस में आया है कि बंदे की तमामतर इबादत जो उसने रमजान में की है। वो जमीन और आसमान के बीच लटकी हुई होती है। सदका ए फित्र अदा करने पर उसका पुण्य मिलता है। ईद की नमाज अदा करने से पहले इसे अदा करें। इसका वक्त जिंदगीभर होता है। उसे कभी भी अदा करें, वो अदा हो जाएगा।