फ्रेश न्यूजउत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश में गहराया बिजली संकट, एनटीपीसी ऊंचाहार की दूसरी इकाई भी बंद

विद्युत उत्पादन में अग्रणी मानी जाने वाली ऊंचाहार की विद्युत तापतीय परियोजना पर छाया कोयले का संकट गहराता जा रहा है। इसके कारण शनिवार की रात प्रबंधन को दूसरी इकाई को भी बंद करना पड़ा। हालांकि जिम्मेदार इकाई की मरम्मत को लेकर बंद किए जाने की बात कह रहे हैं।

रायबरेली, अमन यात्रा । विद्युत उत्पादन में अग्रणी मानी जाने वाली ऊंचाहार की विद्युत तापतीय परियोजना पर छाया कोयले का संकट गहराता जा रहा है। इसके कारण शनिवार की रात प्रबंधन को दूसरी इकाई को भी बंद करना पड़ा। हालांकि जिम्मेदार इकाई की मरम्मत को लेकर बंद किए जाने की बात कह रहे हैं। ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना पर कोयले का संकट लगातार गहराता जा रहा है। इसके चलते बीती गुरुवार को सबसे अधिक विद्युत उत्पादन वाली छठीं इकाई को बंद कर दिया गया था।

इस बीच अन्य इकाइयों को भी आधे से कम भार पर चलाया जा रहा था। दो दिनों से परियोजना में कोयले की एक भी रैक न आने के चलते शनिवार की रात परियोजना प्रबंधन को दूसरी ईकाई को भी बंद करना पड़ा। हालांकि दूसरी इकाई बंद होने के कुछ ही देर बाद कोयले की दो रैक परियोजना आ पहुंची है। बताते चलें कि परियोजना में सभी छह इकाईयों को‌ संचालित करने के लिए चौबीस घंटे में 30 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत होती है। ऐसे में दूसरे तीसरे दिन आने वाली एक या दो कोयले की रैंकों (आठ से दस हजार मीट्रिक टन) से परियोजना प्रभावित हो गई है। इसके चलते दूसरी इकाई को भी बंद करना पड़ा। लगातार बंद हो रही इकाइयों के बीच उतर प्रदेश समेत अन्य नौ प्रदेश भी बिजली का संकट गहराता जा रहा है।

बंद होती इकाईयों से इन राज्यों पर पड़ेगा असरः उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरांचल को इस परियोजना से बिजली की आपूर्ति की जाती है। कोयले के संकट के बीच इन सभी प्रदेशों में बिजली का संकट मंडराने लगा है।

1550 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमताः यह परियोजना 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। इसमें एक से लेकर पांच नंबर इकाई तक 210-210 मेगावाट और छठी इकाई पांच सौ मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। गुरुवार को कोयले की कमी के चलते परिजना प्रबंधन को छठीं इकाई बंद करनी पड़ी। संकट गहराने के बाद शनिवार की रात दूसरी इकाई को भी बंद कर दिया गया है। शेष इकाईयों को उनके उत्पादन क्षमता के आधे भार पर संचालित कर 779 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। दूसरी नंबर की इकाई को एक महीने तक बंद कर मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। वहीं, जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि परियोजना पर कोयले का संकट बना हुआ है। छठीं इकाई के बाद दूसरी इकाई को मरम्मत के लिए बन्द किया गया है। यह कार्य एक महीने तक चलेगा। कोयला आपूर्ति के बाद उत्तरी ग्रिड द्वारा यदि बिजली की मांग बढ़ाई जाती है तो अन्य इकाइयों को उनकी उत्पादन भार क्षमता के अनुरूप संचालित किया जाएगा।

pranjal sachan
Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

Related Articles

AD
Back to top button