उत्तर प्रदेश में भी जल्द लागू हो सकती है यूनिफाइड पेंशन स्कीम, करीब 17 लाख कार्मिक होंगे लाभान्वित

केंद्र की तर्ज पर शीघ्र ही यूपी में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू हो सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। इस पर आने वाले व्यय भार का आकलन किया जा रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को केंद्रीय कर्मियों के लिए नई पेंशन स्कीम यूपीएस लागू करने का निर्णय लिया है।

लखनऊ / कानपुर देहात। केंद्र की तर्ज पर शीघ्र ही यूपी में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू हो सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। इस पर आने वाले व्यय भार का आकलन किया जा रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को केंद्रीय कर्मियों के लिए नई पेंशन स्कीम यूपीएस लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्कीम का स्वागत करते हुए इसे केंद्र के कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा करार दिया था। इससे माना जा रहा है कि शीघ्र ही यूपी में भी यह स्कीम लागू होगी। यहां राज्य सरकार के करीब 17 लाख कार्मिक हैं जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार से शासनादेश जारी होने के बाद यूपी का वित्त विभाग भी इस योजना के प्रावधानों को लेकर एक नोट तैयार करेगा। इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा ताकि लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।

भाजपा शासित राज्यों में जल्द ऐलान संभव- 

जानकार बताते हैं कि भाजपा शासित राज्य एकीकृत पेंशन योजना को सबसे पहले अपने यहां लागू करने का ऐलान कर सकते हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य पेंशन सुधार के लिए कमेटी गठित करने का ऐलान कर सकते है। पूरी संभावना है कि यह सभी राज्य केंद्र द्वारा लाई गए यूपीएस को ही प्रदेश स्तर पर लागू करने की संभावना तलाशने के लिए अपने यहां पर कमेटी का गठन करेंगे क्योंकि राज्य अपने यहां कर्मचारी यूनियनों के सुझावों को लेकर पेंशन संबंधी सुधार को लागू करना चाहेंगे।

अभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा इसका लाभ- 

यूपीएस को अगले वर्ष एक अप्रैल से लागू किया जाना है। इस फैसले से करीब 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी लाभ होंगे लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों को अभी इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। केंद्र ने गेंद राज्य सरकारों के पाले में छोड़ दी है। केंद्र का स्पष्ट कहना है कि अगर राज्य चाहे तो हमारे ही मॉडल को अपना सकते हैं इसलिए अब राज्यों के ऊपर भारी दबाव रहेगा।

मांग हो सकती है तेज-

एनपीएस को वर्ष 2004 में लगाया गया था। इससे जुड़ने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ी तो पुरानी पेंशन बहाली की मांग ने जोर पकड़ लिया। बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों ने पुरानी पेंशन को बहाल करने का आश्वासन भी दिया था।

Author: AMAN YATRA

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