उत्तर प्रदेश में मतांतरण के मामले में ग्लोबल पीस सेंंटर का सह संचालक भी गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतांतरण का खेल करने वाले चेहरे एक-एक करके उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। कलीम सिद्दीकी की गिरफतारी के बाद नई दिल्ली में उसके कई ठिकानों पर छापा मारने वाली उत्तर प्रदेश एटीएस के कलीम के ग्लोबल पीस सेंटर के सह संचालक को भी पकड़ा है।
लखनऊ,अमन यात्रा । उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतांतरण का खेल करने वाले चेहरे एक-एक करके उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। कलीम सिद्दीकी की गिरफतारी के बाद नई दिल्ली में उसके कई ठिकानों पर छापा मारने वाली उत्तर प्रदेश एटीएस के कलीम के ग्लोबल पीस सेंटर के सह संचालक को भी पकड़ा है।
उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आने वाला गलोबल पीस सेंटर के सह संचालक सरफराज अली जाफरी ने फोन से मतातरंण का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। वह के अमरोहा का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के बाटला हाउस के ब्लाक सी में मकान लेकर रह रहा था। एटीएस ने दिल्ली जाकर जांच की। जांच में पता चला कि सरफराज ग्लोबल पीस सेंटर के अलावा ह्यूमैनिटी फॉर आल, न्यू दिल्ली नामक संस्था के नाम पर कथित तौर पर सामाजिक कार्यों की आड़ में अवैध मतांतरण की गतिविधयां संचालित कर रहा था।
सरफराज अली जाफरी फोन पर लोगों को लालच देकर मतांतरण कराता है। उसके फोन से एटीएस को बड़े स्तर पर चल रहे मतांतरण से जुड़ी अहम जानकारियां मिली हैं। वह कलीम सिद्दीकी की संस्था से लोगों को जोड?े के काम में लगा हुआ था। अवैध मतांतरण के बड़े मामले में एटीएस ने सरफराज को पकड़ा है। गिरफ्तार सरफराज अली मौलाना कलीम का करीबी है और वह उसके ग्लोबल पीस सेंटर को उनकी गैरमौजूदगी में संभालता था। आरोपी सरफराज अली जाफरी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरफराज अली जाफरी अब कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर का काम देख रहा था। यह संस्था कलीम सिद्दीकी चलाता है। जिसका काम अवैध मतांतरण की गतिविधियों को संचालित करना है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी के बाद सारे नेटवर्क का संचालन करने वालों में सरफराज जाफरी का नाम भी प्रकाश में आया था। मूल रूप से अमरोहा के मुहल्ला दरबारे कलां निवासी सरफराज जाफरी को एटीएस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वर्तमान में सरफराज जाफरी परिवार के साथ दिल्ली के जामिया नगर बाटला हाउस में रहता है। वह मौलाना कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर का संचालन वर्ष 2016 से कर रहा है। अमरोहा का नाम मतांतरण के मामले जुड़ने के बाद यहां के लोगों में भी हड़कंप मचा है।