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उत्तर प्रदेश शासन ने बढ़ाई कार्यकुशलता पर नज़र, समय सीमा में काम पूरा करना अनिवार्य

उत्तर प्रदेश शासन ने शासकीय कार्यों में हो रही देरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम ने एक आदेश जारी कर सभी विभागीय अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया है।

Story Highlights
  • शासन ने शून्यकाल की सूचनाओं के निपटारे में तेजी लाने का दिया आदेश
  • कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए शासन के सख्त कदम

लखनऊ/ कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश शासन ने शासकीय कार्यों में हो रही देरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम ने एक आदेश जारी कर सभी विभागीय अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया है।

विधान मंडल मामलों में तेजी लाने पर जोर

विधान मंडल की बैठकों से संबंधित दस्तावेजों और प्रश्नों के उत्तरों में हो रही देरी पर गंभीरता से चिंतित शासन ने इन मामलों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है। विधान मंडल की बैठकों के लिए व्याख्यात्मक टिप्पणियां, प्रश्नों के उत्तर जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज अब समय पर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसके लिए प्रत्येक विभाग में एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।

शून्यकाल की सूचनाओं का तत्काल निपटारा

शून्यकाल की सूचनाओं का उत्तर अब उसी दिन प्रातः 11 बजे तक उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। शासन का मानना है कि इस कदम से विधायकों को समय पर जानकारी मिल सकेगी और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी

यदि कोई अधिकारी निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शासन ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और कुशलता लाने का प्रयास

शासन का यह कदम शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल नीतिगत निर्णय लेने में तेजी आएगी बल्कि जनता को बेहतर सेवाएं भी मिल सकेंगी।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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