उत्तर प्रदेश संस्कृति उत्सव 2024-25: कलाकारों को मिल रहा मंच
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभिनव पहल की है।
- संस्कृति उत्सव: लोक कलाकारों के लिए एक नया मंच
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभिनव पहल की है। ‘उत्तर प्रदेश पर्व: हमारी संस्कृति, हमारी पहचान’ थीम के तहत, संस्कृति विभाग द्वारा ‘संस्कृति उत्सव 2024-25’ का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव का उद्देश्य राज्य के विभिन्न कोनों में छिपी कला प्रतिभा को उजागर करना और उन्हें एक मंच प्रदान करना है।
उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति:
उत्तर प्रदेश सदियों से धर्म, दर्शन, कला और संगीत का केंद्र रहा है। यहां के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन किया है। शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत और लोक नाट्य की विभिन्न विधाएं यहां की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रतिभाशाली कलाकार ऐसे हैं जो अभी तक मुख्यधारा में नहीं आ पाए हैं।
संस्कृति उत्सव का उद्देश्य:
- कलाकारों को पहचान: राज्य के विभिन्न कोनों से कलाकारों को ढूंढकर उन्हें एक मंच प्रदान करना।
- कला का विकास: कलाकारों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें प्रोत्साहित करना।
- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण: राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखना।
- लोक कलाओं को बढ़ावा: लोक संगीत और लोक नाट्य जैसी विधाओं को लोकप्रिय बनाना।
प्रतियोगिताएं:
इस उत्सव में गायन, वादन और नृत्य तीन प्रमुख विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन प्रतियोगिताओं में शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, लोक नाट्य आदि विभिन्न विधाएं शामिल होंगी।
- गायन: शास्त्रीय गायन, ख्याल, ध्रुपद, ठुमरी, दादरा, चैती, झूला, होरी, टप्पा, कजरी, चैती, झूला बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली, सुगम संगीत, गीत, गजल, भजन, देश भक्ति गीत आदि।
- वादन: बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम, सितार, वायलिन, गिटार, बीड़ा, तबला, पखावज आदि के साथ-साथ जनजातीय वाद्य यंत्र जैसे डफला, नगाड़ा, दुक्कड़ आदि।
- नृत्य: कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनी अट्टम, धोबिया, अहिरवा, कर्म आदि लोक नृत्य और नौटंकी, रामलीला, रासलीला, स्वांग, भगत, बहुरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि लोक नाट्य।
कैसे लें भाग:
संस्कृति उत्सव 2024-25 में भाग लेने के लिए इच्छुक कलाकार संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह उत्सव उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा बल्कि आम लोगों को भी अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ेगा।
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