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टीचर्स को अब राज्य पुरस्कार पाने को देना होगा 15 वर्षों का लेखा-जोखा

बेसिक शिक्षा विभाग में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए अब मेहनत करनी होगी। आवेदन प्रक्रिया को मुश्किल कर दिया गया है। विशेष बात यह है कि 15 वर्षों का रिकार्ड भी शिक्षकों को देना होगा जो कि पहले नहीं मांगा जाता था। ऐसे में अब राज्य पुरस्कार पाना आसान नहीं रहा। पुरस्कार के लिए इस बार 15 जून से 10 जुलाई तक वेब पोर्टल पर आवेदन करना होगा। स्कूल में यदि छात्र संख्या दिए गए नियमों से कम हुई तो आवेदन भरने के लिए अर्ह नहीं माना जाएगा

कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए अब मेहनत करनी होगी। आवेदन प्रक्रिया को मुश्किल कर दिया गया है। विशेष बात यह है कि 15 वर्षों का रिकार्ड भी शिक्षकों को देना होगा जो कि पहले नहीं मांगा जाता था। ऐसे में अब राज्य पुरस्कार पाना आसान नहीं रहा। पुरस्कार के लिए इस बार 15 जून से 10 जुलाई तक वेब पोर्टल पर आवेदन करना होगा। स्कूल में यदि छात्र संख्या दिए गए नियमों से कम हुई तो आवेदन भरने के लिए अर्ह नहीं माना जाएगा। इसके अलावा अभिनव प्रयोग, निपुण भारत लक्ष्य, खेल में स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन आदि के अंक भी जोड़े जाएंगे। कक्षा में छात्रों की उपस्थति 90 प्रतिशत से अधिक होने पर 10 अंक, 80 प्रतिशत तक होने पर पांच व 75 प्रतिशत तक होने पर तीन अंक मिलेंगे। दीक्षा पोर्टल पर मिले प्रशिक्षण का 90 प्रतिशत से ऊपर उपयोग कक्षा में करने पर 10 अंक, 80 प्रतिशत तक पर पांच और 50 प्रतिशत तक करने पर तीन अंक मिलेंगे। अगर कक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा छात्र 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाते हैं तो पांच अंक, अगर 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी 80 प्रतिशत अंक पाते हैं तो तीन अंक और 70 प्रतिशत तक पाने पर दो अंक मिलेंगे।

150 से कम नहीं होनी चाहिए छात्र संख्या-
शासन से पुरस्कार के लिए जो नई चयन नीति जारी हुई है उसमें कहा गया कि प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या 150 से कम नहीं होनी चाहिए। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105, कंपोजिट स्कूल में 255 छात्र-छात्राओं से कम नामांकन होने पर शिक्षकों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। शिक्षक जब आवेदन करेंगे तो सबसे पहले स्कूलों में छात्र संख्या देखी जाएगी।

यह हैं नए नियम-
शिक्षक या शिक्षिका का 15 वर्ष का रिकार्ड।
सेवानिवृत्त होने में पांच वर्ष से कम की अवधि नहीं बची हो।
प्राथमिक में 150 से कम, उच्च प्राथमिक में 105 से कम, कंपोजिट में 255 छात्र-छात्राओं से कम नामांकन न हों।
शिक्षक ने नामांकन बढ़ाने व ड्राप आउट घटाने के उपाय किए हों।
कक्षा पांच में उत्तीर्ण बच्चों का कक्षा छह में नामांकन, कक्षा आठ में उत्तीर्ण बच्चों का कक्षा नौ में नामांकन व वृद्धि का रिकार्ड।

पुराने नियम-
अनुभव नहीं मांगा जाता था।
स्कूल रिकार्ड कुल पांच साल का मांगा जाता था।
समाजहित में कार्य करने व नेतृत्व करने वाला कार्य।

यह है तिथि-
चयन समिति द्वारा परीक्षण, सत्यापन व मूल्यांकन के बाद दो श्रेष्ठ शिक्षकों का अग्रेषण 15 जुलाई से 25 जुलाई तक, पुनर्मूल्यांकन व चयन के लिए संस्तुति की कार्यवाही 26 जुलाई से 10 अगस्त तक।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए नए मानक शासन ने जारी किए हैं। छात्र संख्या के आधार को मुख्य बिंदु माना माना गया है। शिक्षक आवेदन कर दें और जांच के बाद उनकी फाइल पर जिला चयन समिति निर्णय लेगी। शासन की गाइड लाइन के अनुसार पुरस्कार पर कार्य होगा।

राज्य अध्यापक पुरस्कार की अहर्ता में संशोधन की मांग-
शिक्षक संगठनों ने राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए अहर्ता संशोधन की मांग उठाई है इसको लेकर शिक्षा निदेशक को अपना मांग पत्र भी दिया है। उनका कहना है कि अहर्ता संबंधी जो दिशा निर्देश हैं उसके अनुसार छात्र नामांकन 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 105 से कम और कंपोजिट विद्यालय में 255 से कम वाले विद्यालयों के शिक्षक पुरस्कार आवेदन के लिए अर्ह नहीं हैं। शिक्षक नेता ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस व्यवस्था से सैकड़ों उत्कृष्ट शिक्षक आवेदन से वंचित रह जाएंंगे। ऐसे में उत्कृष्ट शिक्षकों के कार्यों को देखते हुये दिशा निर्देश में संशोधन किया जाये।

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Author: aman yatra


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