नई एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें: कक्षा 4, 5, 7 और 8 के लिए बड़ा बदलाव
स्कूली शिक्षा के लिहाज से वर्ष 2025 काफी अहम है। इस साल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार की जा रही चार और कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आएंगी। इनमें चौथी, पांचवीं, सातवीं व आठवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें शामिल हैं।

- एनईपी की सिफारिशों के तहत तैयार की जा रही हैं स्कूलों के लिए नई पाठ्यपुस्तकें
- कक्षा 4, 5, 7 और 8 के लिए नई एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें क्यों हैं महत्वपूर्ण?
कानपुर देहात। स्कूली शिक्षा के लिहाज से वर्ष 2025 काफी अहम है। इस साल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार की जा रही चार और कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आएंगी। इनमें चौथी, पांचवीं, सातवीं व आठवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें शामिल हैं। इसी शैक्षणिक सत्र से यानी 2025-26 से ही दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं भी साल में दो बार आयोजित होंगी, इनमें पहली परीक्षा फरवरी मार्च में तो दूसरी परीक्षा मई-जून महीने में आयोजित हो सकती है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद से स्कूली शिक्षा को इन बदलावों के अमल का इंतजार था। रही बात नीति के तहत स्कूलों के लिए तैयार होने वाली नई पाठ्यपुस्तकों की तो उसको लेकर कार्य नई नीति आने के बाद से ही शुरू हो गया था। साथ ही अब तक बालवाटिका स्तर की तीन कक्षाओं सहित पहली, दूसरी, तीसरी व छठीं कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें पहले ही आ चुकी हैं। इस साल चार और कक्षाओं की नई पाठ्यपुस्तकें आने के बाद स्कूलों में आठवीं तक की पढ़ाई नई पाठ्यपुस्तकों से ही शुरू हो जाएगी।
अगले साल बाकी बची कक्षाओं यानी नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें भी आ जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय इन पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने में जुटा है। स्कूली शिक्षा में इस साल से जो एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, वह दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने का फैसला है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस पर शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही अमल होगा। यानी इस साल जो भी बच्चे दसवीं और बारहवीं कक्षाओं में आएंगे, उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दो बार मौका मिलेगा।इस दौरान वह इनमें से कोई एक परीक्षा या फिर दोनों परीक्षा में बैठ सकेंगे। साथ ही इनमें से जिस परीक्षा में उनके बेहतर अंक होंगे उन्हें ही अंतिम अंक माना जाएगा। यह परीक्षा ठीक जेईई मेन की तरह की होगी जिसमें छात्रों को अभी परीक्षा में शामिल होने के दो मौके मिलते हैं। इनमें से जिस परीक्षा में उनके अंक अधिक होते हैं उन्हें ही अंतिम माना जाता है।
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