उमस भरी गर्मी में अंधाधुंध कटौती से लोगों की नींद हुई हराम
उमस भरी गर्मी में अंधाधुंध कटौती हो रही है। इमर्जेंसी रोस्टिंग के नाम अंधाधुंध कटौती हो रही है। बिजली कटौती ने लोगों की रातों की नींद हराम कर दी तथा दिन सुकून छीन लिया है।

जालौन(उरई)। उमस भरी गर्मी में अंधाधुंध कटौती हो रही है। इमर्जेंसी रोस्टिंग के नाम अंधाधुंध कटौती हो रही है। बिजली कटौती ने लोगों की रातों की नींद हराम कर दी तथा दिन सुकून छीन लिया है।अंधाधुंध बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। लोगों की यह परेशानी कानून व्यवस्था के लिए कहीं खतरा पैदा न कर दे। कुछ दिनों से अंधाधुंध बिजली की कटौती हो रही है । रात में 5-6 घंटे की कटौती हो रही है। इसके साथ ही दोपहर व सुबह सांय मिलाकर लगभग 6-7 घंटे की कटौती हो रही है। 24 घंटे में 10-12 टुकड़ों में बिजली मिल पा रही है। गर्मी के मौसम अंधाधुंध कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया। बिजली की कटौती के कारण जल संस्थान की पानी की टंकी नहीं भर पा रही है। लुका-छिपी के चलते लाइनें भी चार्ज नहीं हो पा रही है। इसके कारण हर मोहल्ले में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। एक तरफ नींद पूरी नहीं हो पा रही तो दूसरी तरफ सुबह होते ही लोग पानी भरने के लिए परेशान होने लगते हैं।उमस भरे 43 डिग्री के तापमान में बिजली कटौती के चलते लोगों का धैर्य टूटता नजर आ रहा। लोगों बिजली पानी के लिए सड़क पर उतर सकते हैं। बिजली कटौती कहीं कानून व्यवस्था के लिए चुनौती न बन जाय।
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ग्रामीण क्षेत्रों में भी अंधाधुंध कटौती
जालौन । नगर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ध्वस्त है।ग्रामीण क्षेत्र बिजली कटौती का आलम यह है कि इनवर्टर चार्ज नहीं हो पा रहे हैं तथा गांव में 8-10 घंटे बिजली आपूर्ति हो पा रही है। ग्रामीण महावीर शरण शर्मा अकोढ़ी, बबलू लंबरदार पहाड़पुरा, कैलाश बाबू चौधरी, श्याम मोहन काका, महेश निरंजन, चंद्र प्रकाश नायक, योग बाथम, निखिल बाथम, चेतन पटेल गायर, राजेश बाथम रूरा मल्लू कहते हैं बिजली कटौती ने सामान्य जन जीवन प्रभावित कर दिया है।
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बिजली पर आधारित व्यापार प्रभावित
जालौन। बिजली कटौती के चलते बिजली पर आधारित इलैक्ट्रानिक, इलेक्टीकल्स, मोबाइल रिपोर्टिंग, फोटो स्टेट, बैल्डिंग, आर ओ प्लांट, वर्फ, बिजली उपकरणों के मरम्मत समेत कई तरह के काम प्रभावित हो रहे हैं। बिजली के अभाव में इनके काम नहीं हो पा रहे। एस डी ओ कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि इमर्जेंसी रोस्टिंग लोकल स्तर से नहीं होती है। इसमें उनके स्तर कुछ भी संभव है। जो बिजली मिल रही है वह दी जा रही है।
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