बीएसए अपने हिसाब से तय कर रहे वेटेज के मानक, बेसिक शिक्षकों के तबादलों पर नहीं थम रहा सवालों का सिलसिला कोर्ट में दाखिल हुईं सैकड़ों याचिकाएं
बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादला प्रक्रिया अंतिम दौर में है और नई जगह तैनाती का काम चल रहा है। इसके बावजूद सवालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
लखनऊ / कानपुर देहात। बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादला प्रक्रिया अंतिम दौर में है और नई जगह तैनाती का काम चल रहा है। इसके बावजूद सवालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वेटेज को लेकर एक मानक तय किया गया था लेकिन अलग-अलग जिलों में बीएसए ने अपने हिसाब से मानक तय करके वेटेज दे दिया। ऐसी शिकायतें लगातार आ रही हैं और सैकड़ों याचिकाएं कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। अंतर्जनपदीय तबादलों में शिक्षकों को कई श्रेणियों में वेटेज दिया गया है। दिव्यांग, असाध्य रोगी, महिला और पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हों तो इसके लिए अलग-अलग वेटेज के अंक तय थे।
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वेटेज में शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्र भी खूब लगाए। इसकी दो स्तर से जांच भी करवाई गई और इसमें कई बाहर भी हुए। इसके बावजूद इसको लेकर अब भी कई सवाल अधिकारियों पर भी उठ रहे हैं। ऐसे मामले भी आ रहे हैं कि पति-पत्नी दोनों के सरकारी नौकरी में होने के एक जैसे प्रमाणपत्रों पर एक जिले के बीएसए ने स्वीकृत कर दिया और दूसरे जिले के बीएसए ने उसे रिजेक्ट कर दिया। उदाहरण के तौर पर अलीगढ़ में एक महिला शिक्षिका ने पति के दिल्ली पुलिस में कार्यरत होने का प्रमाण पत्र लगाया। उसे स्वीकृत करके वेटेज दे दिया गया। इसी तरह यूपी पॉवर कॉरपोरेशन में पति के कार्यरत होने पर भी राजकीय कर्मचारी के तौर पर वेटेज दे दिया गया। वहीं बाराबंकी में भी एक शिक्षिका ने पति के दिल्ली पुलिस और एक ने यूपी पॉवर कॉरपोरेशन में होने का सर्टिफिकेट लगाया। यहां दोनों ही आवेदन में वेटेज नहीं दिया गया। इसी तरह एडेड कॉलेज शिक्षक, निगमों और प्राधिकरणों के कर्मचारियों को लेकर शिकायतों का दौर जारी है।
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शिक्षकों का कहना है कि सभी जगह एक मानक होना चाहिए। जिले के अधिकारियों को भी मानकों की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय न हो और शिकायतों की गुंजाइश ही न रहे।
सचिव प्रताप सिंह बघेल बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि दो स्तर पर प्रमाण पत्रों की जांच करवाई गई है। वहीं सीडीओ की अध्यक्षता में भी एक कमेंटी बनी है जो हर पहलू की जांच कर रही है। कमेंटी की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि शासनादेश के तहत ही सभी शिक्षकों को अंको का वेटेज दिया गया है और नियम के अनुसार ही स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण की गई है।