जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक बैठक में एग्रीस्टैक योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के विशेष अभियान का शुभारंभ किया।
जालौन: जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक बैठक में एग्रीस्टैक योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के विशेष अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान 31 दिसंबर 2024 तक चलेगा।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण:
स्वयं करें पंजीकरण: किसान https://upfr.agristack.gov.in वेबसाइट या Farmer Registry UP मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
जन सुविधा केंद्रों पर भी सुविधा: इसके अलावा, किसान जनपद में संचालित जन सुविधा केंद्रों पर मात्र 15 रुपये शुल्क देकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।
पीएम किसान योजना से जुड़ाव: दिसंबर 2024 के बाद पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है।
जिला प्रशासन का प्रयास:
जागरूकता अभियान: ग्राम सभाओं और जनसभाओं के माध्यम से किसानों को फार्मर रजिस्ट्री के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
कैम्प का आयोजन: राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी गांवों में कैम्प लगाकर किसानों का पंजीकरण कर रहे हैं।
अन्य विभागों की भागीदारी: पंचायत राज, ग्रामीण विकास और उद्यान विभाग के कर्मचारी भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
जिलाधिकारी के निर्देश:
सभी किसानों का पंजीकरण: जिलाधिकारी ने सभी किसानों का फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
पारदर्शिता: कैम्पों का विवरण और कार्मिकों की जानकारी वाली एक रिसोर्स शीट तैयार की जाएगी।
सुविधाएं: कैम्पों में इंटरनेट, कुर्सी-मेज और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था हो।
प्रचार-प्रसार: कैम्पों की तिथि और स्थान के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
उद्देश्य:
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके, यह सुनिश्चित करना है।
अतिरिक्त जानकारी:
हेल्पलाइन: किसानों की सुविधा के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जा सकता है।
भाषा: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषा में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
डिजिटल साक्षरता: डिजिटल साक्षरता कम होने वाले किसानों के लिए विशेष सहायता प्रदान की जाएगी।