उरई में स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसा, सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य
वरिष्ठ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने आज जनपद में संचालित समस्त विद्यालयी वाहनों के स्वामियों, विद्यालयों के संचालकों, प्रबंधकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
- विद्यालयी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे ले जाने पर होगी कार्रवाई
- स्कूली वाहनों में सुरक्षा के लिए नए नियम लागू
- स्कूली वाहन चालकों का सत्यापन अनिवार्य
उरई: वरिष्ठ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने आज जनपद में संचालित समस्त विद्यालयी वाहनों के स्वामियों, विद्यालयों के संचालकों, प्रबंधकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि विद्यालयी वाहनों का संचालन निश्चित रूप से बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। अतः सभी विद्यालयी वाहनों को निर्धारित मानकों के अनुरूप होना अनिवार्य है। हाल ही में मार्ग चेकिंग के दौरान पाया गया है कि कुछ वाहन क्षमता से अधिक बच्चों को ले जा रहे हैं, जोकि नियमों का उल्लंघन है। ऐसे वाहन स्वामियों और विद्यालय प्रबंधनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विद्यालयी वाहनों के लिए आवश्यक मानक:
- वाहन की फिटनेस: सभी विद्यालयी वाहनों की फिटनेस वैध होनी चाहिए। यदि किसी वाहन की फिटनेस समाप्त हो गई है, तो उसे तुरंत उप सम्भागीय परिवहन कार्यालय में जांच के लिए ले जाया जाए।
- वाहन का रंग: वाहन पीले रंग का होना चाहिए।
- स्कूल का नाम: वाहन पर स्पष्ट रूप से स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए।
- अग्निशमन यंत्र: बसों में 2 और वैन में 1 अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है।
- फर्स्ट एड बॉक्स: प्रत्येक वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए।
- गति सीमा यंत्र: वाहन में गति सीमा यंत्र लगा होना चाहिए।
- सीट बेल्ट: सभी सीटों पर सीट बेल्ट का प्रावधान होना चाहिए।
- हॉर्न: प्रेशर हॉर्न या मल्टीटोन हॉर्न का प्रयोग निषिद्ध है।
- आपातकालीन खिड़की/द्वार: स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की या द्वार होना चाहिए।
- स्कूल बैग रखने की जगह: स्कूल बसों में सीटों के नीचे स्कूल बैग रखने की जगह होनी चाहिए।
- हैंडरेल: बसों के प्रवेश द्वार पर हैंडरेल लगा होना चाहिए।
- संपर्क नंबर: वाहन पर पुलिस, फायर, एम्बुलेंस, हॉस्पिटल, प्रबंधक, प्रधानाचार्य, चालक और परिचालक का नंबर अंकित होना चाहिए।
चालकों का सत्यापन:
सभी विद्यालयों के प्रबंधकों को अपने स्कूली वाहन चालकों और परिचालकों का चरित्र सत्यापन कराकर उनकी सूची और चालक लाइसेंस के विवरण को एआरटीओ कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य है।
कड़ी कार्रवाई:
यदि कोई भी विद्यालय या वाहन स्वामी इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- विद्यालयी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाना सख्त मना है।
- सभी विद्यालयों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करना चाहिए।
- बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है।
संपर्क:
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए, आप उप सम्भागीय परिवहन कार्यालय, उरई से संपर्क कर सकते हैं।