एआरपी शिक्षकों को रास नहीं आ रही नवीन एआरपी चयन प्रक्रिया

बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक अब अधिकतम तीन वर्ष तक एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) पद पर कार्यरत रह सकेंगे। वर्तमान में कार्यरत एआरपी का कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। इसमें विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको को अब सिर्फ एक बार ही अधिकतम तीन वर्षों के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन पद पर तैनात किया जा सकेगा

कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक अब अधिकतम तीन वर्ष तक एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) पद पर कार्यरत रह सकेंगे। वर्तमान में कार्यरत एआरपी का कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। इसमें विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको को अब सिर्फ एक बार ही अधिकतम तीन वर्षों के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन पद पर तैनात किया जा सकेगा। तीन वर्ष बाद नए शिक्षकों का इस पद पर चयन किया जायेगा। पूर्व एआरपी इसमें आवेदन नहीं कर सकेंगे। आदेश के बाद कार्यरत एआरपी में खलबली मची हुई है। एआरपी संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल के नेतृत्व में विभाग के कई सदस्यों ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को ज्ञापन प्रस्तुत किया।

इस ज्ञापन में मांग की है कि तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके एआरपी कर्मियों को आगामी चयन प्रक्रिया में आवेदन करने का अवसर दिया जाए। ज्ञापन में विशेष रूप से दिनांक 10 अक्टूबर 2024 को जारी शासनादेश के बिंदु संख्या 3 का उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया है कि तीन वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद कोई भी एआरपी पुनः इस पद के लिए आवेदन करने का अधिकारी नहीं होगा। एआरपी कर्मियों का मानना है कि यह निर्देश नैसर्गिक न्याय के विपरीत है क्योंकि उन्होंने निपुण भारत मिशन और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और उनके अनुभव को दरकिनार करना उचित नहीं है।
मुख्य मांगें-

ज्ञापन में पूर्व से कार्यरत एआरपी कर्मियों को भी नवीन चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार दिए जाने की अपील की गई है। कर्मियों का दावा है कि निपुण भारत मिशन के तहत वे पहले ही आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और उनके अनुभव को अनदेखा करना अन्यायपूर्ण होगा।

आगे की रणनीति-
यदि विभाग की ओर से इस ज्ञापन पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता तो एआरपी कर्मी भविष्य में इस मुद्दे को लेकर और बड़े स्तर पर विरोध की योजना बना सकते हैं या उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

Author: anas quraishi

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