अच्छी पहल ! खेल-खेल में सीखेंगे बच्चे, किताबों का दबाव होगा कम
पढ़ाई हो या फिर हुनर किसी भी स्तर पर अब बेकार नहीं जाएगा बल्कि उसका एक-एक क्रेडिट अब आपके एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में जमा रहेगा। इसके आधार पर आप कभी भी पढ़ाई को नए सिरे से शुरू कर सकेंगे या फिर अपने हुनर को भी तराश सकेंगे।

- पढ़ाई के साथ हुनर की भी होगी परख, मिलेगा क्रेडिट
- 30 नंवबर तक लोग इस प्रस्ताव पर दे सकेंगे अपने सुझाव
- अभी सिर्फ आइआइटी में लागू है क्रेडिट की व्यवस्था
कानपुर देहात, अमन यात्रा : पढ़ाई हो या फिर हुनर किसी भी स्तर पर अब बेकार नहीं जाएगा बल्कि उसका एक-एक क्रेडिट अब आपके एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) में जमा रहेगा। इसके आधार पर आप कभी भी पढ़ाई को नए सिरे से शुरू कर सकेंगे या फिर अपने हुनर को भी तराश सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का मसौदा जारी कर छात्रों को यह बड़ा तोहफा दिया ।
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इसका लाभ स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक में मिलेगा। इससे देशभर के छात्र और यवा काफी सशक्त होंगे। उनके लिए प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे। इसके तहत शिक्षा और स्किल (कौशल या हुनर) की पूरी व्यवस्था को लचीला रखा गया है। इसमें किसी भी स्तर पर कोई भी फिर से पढ़ाई शुरू कर सकेगा। अभी देश में क्रेडिट की व्यवस्था सिर्फ आईआईटी जैसे प्रीमियम उच्च शिक्षण संस्थानों में ही लागू है। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने इस मौके पर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह इस मसौदे का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें और अपनी राय भी दें। अंतिम तिथि 30 नवंबर है। शिक्षा मंत्रालय अलग-अलग स्तरों पर इसको लेकर कार्यशाला भी आयोजित करेगा।
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