तालीमी बेदारी इजलास: इल्म की अहमियत पर ज़ोर
कानपुर देहात में बुधवार को मदरसा अरबिया मदिनतुल उलूम में एक दिवसीय इजलास आम तालीमी बेदारी के उनवान से आयोजित किया गया। इस प्रोग्राम में मुल्क के मशहूर आलिमों ने शिरकत की।

- ज्ञान का प्रकाश: मदरसा मदिनतुल उलूम में शिक्षा सम्मेलन
- भविष्य की बुनियाद: पुखरायां में तालीमी बेदारी पर ज़ोर
पुखरायां, कानपुर देहात में बुधवार को मदरसा अरबिया मदिनतुल उलूम में एक दिवसीय इजलास आम तालीमी बेदारी के उनवान से आयोजित किया गया। इस प्रोग्राम में मुल्क के मशहूर आलिमों ने शिरकत की।
मुक़र्रर जीशान जनाब मौलाना मोहम्मद अय्यूब साहब नदवी ने खिताब करते हुए कहा कि आज का जलसा तालीमी बेदारी के उनवान से मुनअकिद किया गया है जो एक तवील तरीन उनवान है। इल्मे दीन का सीखना हर मुसलमान पर फर्ज है। इल्म की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुरान मुक़द्दस में अल्लाह ताला ने तकरीबन 80 मकामात पर इल्म का तजकिरा किया है।
मौलाना ने आगे कहा कि वही इलाही की इब्तिदाई आयात तकरीबन 6 हजार से ज़ाइद आयात में पहली पांच आयतें हैं उनमें भी अल्लाह ताला ने पढ़ने पढ़ाने को और इल्म को बयान किया है। रसूल अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया इकरा पढ़िए अपने रब के नाम से जिसने पैदा किया। इल्म की बुनियाद पर ही अल्लाह ताला ने इंसानों को अशरफुल मखलुकात बनाया है और जगह-जगह अल्लाह ताला ने इल्म की अहमियत को बयान किया है।
मौलाना ने आज के दौर में तालीमी बेदारी की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज फितनों का दौर है ईमान पर हर तरफ से यलगार हो रही है। ऐसे दौर में तालीमी बेदारी हमारे मुआशरे के अंदर इंतेहाई जरूरी है कि हम पहले अपने बच्चों को दीने इस्लाम की बुनियादी चीजों का इल्म सिखाएं उनके अकाईद को मजबूत करें उनको सच्चा पक्का मुसलमान बना दें उसके बाद हम एजुकेशन के अंदर उनको लेकर के आएं। अच्छा डॉक्टर बना दे अच्छा इंजीनियर बना दे प्रोफेसर बना दे लेकिन कम अज कम अपने बच्चे के ईमान की ज़मानत ले क्योंकि ईमान सबसे मजबूत चीज है और सबसे कीमती चीज है।
जलसे की सदारत फरमा रहे जनाब मौलाना अब्दुल माजिद कासमी नाजिम मदरसा हाजा ने अपने खिताब में कहा कि आज के दौर में सभी लोगों ख्वाह वह आम इंसान हो या उल्मा ऐ किराम मिल जुल कर प्यार मोहब्बत से रह कर काम करना चाहिए। जो लोग भी उल्मी की शमा रौशन किए हुए है मदरसे चला रहे है वो इंतेहाई कीमती है उनके दरमियान और मोहब्बत होनी चाहिए बुगज अदावत और हसद से दूर हो कर अल्लाह के लिए खुलूस से काम करना चाहिए उससे क़ौम का फायदा होगा।
मौलाना ने आगे कहा कि अगर हमने नियतों को दुरुस्त न किया एक दूसरे के खिलाफ मनसूबे बनाते रहे तो फिर अवाम को उससे फायदा नहीं पहुंचेगा इस लिए सभी को प्यार मोहब्बत के साथ रहना है और हर मुमकिन एक दूसरे का तआऊन करना है।
जलसे के खतीबुल असर जनाब हजरत मौलाना नेमतुल्लाह साहब राजपुरी हजरत मौलाना अब्दुर रहमान साहब कासमी काजी शहर कानपुर देहात ने भी खिताब किया। मोहम्मद सानी और मोहम्मद ताबिश ने नात पाक का नजराना पेश किया। मौलाना फजले रब कासमी ने निजामत के फराइज अंजाम दिए।
इस के अलावा हाफिज मोहम्मद एहसान हाफिज मोहम्मद सैफुल इस्लाम मदनी मुफ्ती मोहम्मद शाहिद कासमी मौलाना अब्दुल वाजिद कासमी मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी हाफिज मोहम्मद रईस हाफिज मोहम्मद राशिद मौलाना मोहम्मद सलीम कासमी हाफिज मोहम्मद शकील हाफिज मोहम्मद असद कारी बिलाल खास तौर से शरीक रहें। मौलाना नेमतुल्लाह साहब कासमी की दुआ पर प्रोग्राम का इखतताम हुआ और नाजिमे जलसा मौलाना फजले रब कासमी ने तमाम आए हुए मेहमान का शुक्रिया अदा किया।
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