कानपुर देहात

एक वर्ष से ज्यादा गायब रहे तो सरकारी नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ

बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य विभागों में लगातार 1 वर्ष से अधिक समय तक बिना अवकाश लिए गायब रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को अब नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

कानपुर देहात, अमन यात्रा। बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य विभागों में लगातार 1 वर्ष से अधिक समय तक बिना अवकाश लिए गायब रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को अब नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। स्वीकृत अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी राज्य कर्मचारी यदि एक साल से ज्यादा समय तक अनधिकृत तरीके से ड्यूटी से गायब रहे तो यह मान लिया जाएगा कि उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। एक बार अवकाश स्वीकृत कराकर उसकी आड़ में कर्मचारियों के दफ्तर से लगातार गायब रहने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार आल इंडिया सर्विसेज (लीव) रूल्स की इस व्यवस्था को लागू करने जा रही है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की तैयारी है। कर्मचारी कई बार एक निश्चित अवधि के लिए अवकाश स्वीकृत कराते हैं लेकिन अनुमोदित अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी लंबे समय तक कार्यालय से गायब रहते हैं। उनके वरिष्ठ अधिकारी या नियंत्रक प्राधिकारी भी कई बार जानबूझकर उनकी अनुपस्थिति का संज्ञान नहीं लेते हैं। चिकित्सा संवर्ग के कई चिकित्सक भी इसी तरह ड्यूटी से लंबे समय तक गायब रहते हैं और निजी नर्सिंग होम या असपतालों में सेवाएं देते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारियों की ड्यूटी से गायब रहने की इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया है।

आल इंडिया सर्विसेज ( लीव ) रूल्स में यह व्यवस्था है कि यदि कोई कार्मिक स्वीकृत अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी अनधिकृत तरीके से एक साल या उससे अधिक समय तक कार्यालय में अनुपस्थित रहता है तो यह मान लिया जाता है कि उसने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। प्रदेश सरकार इस व्यवस्था को लागू करने जा रही है। इस प्राविधान को सरकारी कर्मचारियों के सेवा संबंधी फंडामेंटल रूल्स में शामिल करने का प्रस्ताव है।विभिन्न जनपदों में कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने बरसों बरस बीत जाने के बाद भी अपने स्कूल के दर्शन नहीं किए हैं। छात्र इन शिक्षकों का चेहरा भी नहीं पहचान पाते हैं। इनमें से किसी ने बीमारी के नाम पर तो किसी ने अपने बच्चे के पालन पोषण के नाम पर अवकाश ले लिया है। एक बार अवकाश स्वीकृत होने के बाद दोबारा फिर प्रार्थना पत्र दिया गया। छुट्टी स्वीकृत नहीं होने के बाद भी इन लोगों ने फिर से ज्वाइन नहीं किया। विभाग द्वारा बार-बार नोटिस देने के बाद भी जवाब नहीं दिया। अंतिम नोटिस पर कुछ लोग बीएसए दफ्तर तक आये और फिर गायब हो गए। शिक्षकों के न आने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं उनके पद भी रिक्त नहीं हो पा रहे हैं। यदि सेवा समाप्त हो जाए तो उनके स्थान पर किसी अन्य शिक्षक को भेजा जा सकता है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही ऑल इंडिया सर्विस रूल्स में यह व्यवस्था की जा रही है कि जो बिना अवकाश स्वीकृति के लगातार 1 वर्ष से अधिक समय से अनुपस्थित रह रहे हैं उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

Author: aman yatra

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