कानपुर देहात: आज राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों पर जनपद में राष्ट्रीय लोक अदालत और आर्बिट्रेशन की विशेष लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। प्रभारी जनपद न्यायाधीश रजत सिन्हा के मार्गदर्शन में हुए इस आयोजन में विभिन्न न्यायालयों और विभागों द्वारा कुल 2,39,908 मामलों का निस्तारण किया गया। इसके साथ ही, 13.31 करोड़ से अधिक की धनराशि अर्थदंड या क्षतिपूर्ति के रूप में दिलवाई गई, जो लोगों को त्वरित और सुगम न्याय दिलाने में एक बड़ी सफलता है।
न्याय की नई राह: सुलह और समझौते पर जोर
लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान न्यायाधीश कल्पना द्वारा किया गया, जिसमें समस्त न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नामित सचिव हिमांशु कुमार सिंह ने किया। प्रभारी जनपद न्यायाधीश रजत सिन्हा ने अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण पर जोर दिया और लोक अदालत को सफल बनाने का आह्वान किया।
पारिवारिक न्यायालयों में इस पहल का खास असर देखने को मिला, जहाँ 78 मामलों का निपटारा हुआ। इनमें से 9 वैवाहिक जोड़ों को आपसी सुलह और समझौते के बाद एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। यह दिखाता है कि लोक अदालत न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक समस्याओं का भी समाधान करती है।
राजस्व, बैंक और अन्य विभागों का योगदान
लोक अदालत में विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रही। तहसीलों द्वारा राजस्व और अन्य प्रकृति के 26,861 वादों का निस्तारण किया गया। इसके साथ ही, बैंकों और फाइनेंस कंपनियों द्वारा लाए गए 1,14,87 रिकवरी मामलों में से 1,330 का निपटारा हुआ, जिससे कुल ₹12.89 करोड़ की वसूली हुई।
स्वास्थ्य विभाग ने 24,385 व्यक्तियों को आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से लाभान्वित किया, जबकि समाज कल्याण विभाग ने भी 91,847 लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया।
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न्याय प्रणाली में बढ़ा विश्वास
प्रभारी जनपद न्यायाधीश रजत सिन्हा ने इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत जैसे आयोजन लोगों को कानूनी जटिलताओं से राहत दिलाते हैं और न्याय प्रणाली में उनका भरोसा बढ़ाते हैं। इस सफल आयोजन से यह साबित हुआ कि आपसी सुलह और समझौते से बड़े से बड़े विवादों को भी आसानी से हल किया जा सकता है।