लखनऊ/ कानपुर देहात। स्टेट रिसोर्स ग्रुप में शामिल सभी सदस्यों को दिसम्बर 2023 तक अपने स्कूलों को निपुण स्कूल बनाना होगा। निपुण स्कूलों का आकलन थर्ड पार्टी एजेंसी से करवाया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में विकास राष्ट्र के लिए सबसे अहम विकास होता है। शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा नई एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई है जिसके अंतर्गत सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लेकर सभी शिक्षकों को भी निर्धारित टारगेट पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसी के तहत निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए माह दिसंबर 2023 तक प्रत्येक एसआरजी को एक विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाना होगा। यदि एसआरजी शिक्षक किसी उच्च प्राथमिक विद्यालय में है तो वह शिक्षक संकुल या फिर एआरपी द्वारा चयनित स्कूलों से अलग किसी अन्य प्राथमिक स्कूल का चयन कर उसे निपुण बनाएगा। एसआरजी को स्कूल का नाम 15 दिसंबर 2022 तक राज्य परियोजना निदेशालय को भेजना होगा। निपुण स्कूल में कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को न्यूनतम सीखने का स्तर प्राप्त करना होगा। अपने स्कूल में गणित व भाषा के तीन तीन पीरियड पढ़ाई करवानी होगी। डीएलएड कर रहे प्रशिक्षुओं के माध्यम से भी स्कूलों का आकलन करवाया जाएगा। एसआरजी द्वारा अपने विद्यालय के शत प्रतिशत बच्चों द्वारा निपुण लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित दक्षता हासिल करनी होंगी। इसका मूल्यांकन दीक्षा ऐप के माध्यम से किया जाएगा। एसआरजी का नवीनीकरण आगामी सत्र में निपुण लक्ष्य के परिणाम के अनुसार ही किया जाएगा। एसआरजी को अपने विद्यालय की गतिविधियों की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रत्येक माह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजनी होगी।
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