लखनऊ/ कानपुर देहात। ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग क्यों बन रहे युवाओं की पंसद। जानें यहां डिस्टेंस लर्निंग आजकल देश की युवाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इससे युवाओं को काफी सुविधा मिलती है, इससे वो नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रख पाते हैं।
देश में कुछ ऐसे युवा है जो स्कूलिंग पूरा तो कर लेते हैं पर किन्हीं वजहों से वे आगे की पढ़ाई पूरी नही कर पाते जिसके बाद वे नौकरी वगैरह करने लगते हैं पर मन में आगे नहीं पढ़ने का मलाल होता है जिसकी वजह से वे आगे की पढ़ाई के बारे में विचार करते हैं। देश में आज कल युवा पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। रेगुलर पढ़ाई के साथ यह संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में उनकी मदद करता है ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग। ये आजकल युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है। इससे युवाओं को डिग्री भी मिल जाती है और पढ़ाई भी नहीं छोड़नी पड़ती है। ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग ने लाखों युवाओं को आगे पढ़ने का मौका दिया है। इससे युवाओं के करियर में ग्रोथ हो रहा है। साथ ही वो अपना आगे पढ़ने का सपना भी पूरा कर पा रहे हैं।
ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस एजुकेशन में छात्र कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से कहीं से भी अपने मनचाहे कोर्स कर सकते हैं। डिस्टेंस एजुकेशन के लिए इनरोलमेंट करने वालों में एक बड़ा हिस्सा नौकरीपेशा आबादी का है।
ज्यादा भागना-दौड़ना नहीं पड़ता
जैसा कि हम जानते हैं, डिस्टेंस एजुकेशन ऑनलाइन आधारित होती है जिससे छात्र घरों में बैठकर आराम से पढ़ाई कर सकते हैं। ज्यादातर इंस्टीट्यूट जो डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम कराते हैं, वे छात्रों को स्टडी मटेरियल या ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लेक्चर और ट्यूटोरियल उपलब्ध करा देते हैं।
युवाओं को होती है सुविधा-
ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग को कहीं से भी हासिल किया जा सकता है। डिस्टेंस लर्निंग के जरिए स्टूडेंट्स किसी भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर पढ़ाई जारी रख सकते हैं। उन्हें बार-बार यूनिवर्सिटी या कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होती है। वहीं, ऑनलाइन एजुकेशन को कहीं से भी हासिल किया जा सकता है। साथी इसे छात्र अपने शेड्यूल के हिसाब से पढ़ सकता है। वह अगर चाहे तो एक दिन में ज्यादा से ज्यादा सिलेबस कवर कर सकता है। साथ ही वह इस दौरान अपने परिवार को समय भी दे सकता है।
इससे पढ़ाई में आती है कम लागत-
रेगुलर पढ़ाई के दौरान छात्र को कई बार काफी मोटी फीस देनी पड़ती है। जबकि डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन एजुकेशन में अक्सर फीस कम होती है। इसके अलावा, कॉलेज या एजुकेशनल इंस्टीट्यूट आने-जाने का खर्चा भी बच जाता है। ऐसे में डिस्टेंस एजुकेशन या ऑनलाइन एजुकेशन कम खर्चीला होता है।
मिलते हैं कई सारे ऑप्शन-
कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के दौरान कुछ लिमिटेड सब्जेक्ट में ही पढ़ाई की जा सकती है जबकि ऑनलाइन एजुकेशन या डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए छात्र कई तरह की स्किल्स सीख सकते हैं। उनके पास कई तरह के कोर्स करने का मौका होता है।
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