कानपुर देहात के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को चयन वेतनमान और प्रोन्नत वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद, शिक्षक अपने वेतनमान से संबंधित मामलों के लिए विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। कहीं खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) मामलों को लटका रहे हैं, तो कहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय और लेखा कार्यालय स्तर पर मामले लंबित हैं।
शिक्षकों का शोषण रोकने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था:
शिक्षकों के शोषण को रोकने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई थी। इसके बावजूद, प्रदेश स्तर पर बड़ी संख्या में शिक्षक चयन और प्रोन्नत वेतनमान के लाभ से वंचित हैं। नियमों के अनुसार, सभी बीईओ को अपने ब्लॉक के पात्र शिक्षकों की सूची मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करनी होती है, जिसे बीएसए द्वारा अनुमोदित किया जाता है और लेखा विभाग को भेजा जाता है। हालांकि, जनवरी में पूरा होने वाला यह कार्य मार्च की शुरुआत तक लंबित है।
महानिदेशालय का हस्तक्षेप:
स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने लंबित प्रकरणों का ब्योरा मांगा है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि वे पात्र शिक्षकों की सूची को अंतिम रूप दें और लापरवाह बीईओ के खिलाफ कार्रवाई करें।
ताजा मामला:
डेरापुर, कानपुर देहात के प्राथमिक विद्यालय विसोहा के प्रधानाध्यापक सुरेश चन्द्र कई महीनों से चयन वेतनमान के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतों के बाद, बीएसए ने वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र जारी कर मामले का परीक्षण करने और समस्या का समाधान करने को कहा है।
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