कड़ी मेहनत से शिक्षिका ने बदली स्कूल की तस्वीर, नामांकन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
अगर कुछ करने का दिल में जज्बा हो तो लक्ष्य असंभव नहीं। हालात भले कैसे भी क्यों न हो उसके परिणाम हमेशा सार्थक ही आते हैं। इसे सच साबित कर दिखाया है एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने।

कानपुर देहात। अगर कुछ करने का दिल में जज्बा हो तो लक्ष्य असंभव नहीं। हालात भले कैसे भी क्यों न हो उसके परिणाम हमेशा सार्थक ही आते हैं। इसे सच साबित कर दिखाया है एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने। सरवनखेड़ा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय घनारामपुर में अध्यापिका दीप्ति कुशवाहा की मेहनत से नामांकन तेजी से बढ़ा है। पहले स्कूल में केवल 30 बच्चे पढ़ते थे, अब यह संख्या 55 के करीब पहुंच गई है।
सीमित संसाधन के बीच शिक्षिका की मेहनत और कुछ कर गुजरने की लगन ने सरकारी विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी है। आज उनका विद्यालय प्राइवेट कांवेन्ट स्कूलों को मात दे रहा है। कभी बीस से तीस नामांकन तक सिमट जाने वाले इस स्कूल में वर्तमान शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या 55 के करीब पहुंचने को है। दीप्ति कुशवाहा ने कहा कि हम स्कूल में व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ साथ छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं।
हमारी कोशिश है कि शत प्रतिशत बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं, इसके लिए पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे हैं। अभिभावकों के घर-घर जाकर उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अध्यापिका ने कहा कि ग्राम प्रधान राकेश एवं एसएमसी अध्यक्ष भूरालाल दिवाकर का छात्र संख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। समस्त ग्रामवासी मेरे स्कूल को समर्पित भाव से सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
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