कथावाचक ने सुनाई सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा,श्रोता हुए भावविभोर
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के बिदखुरी गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथावाचक ने श्रोताओं को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा सुनाई।

- राजा हरिश्चंद्र ने विषम परिस्थितियों में भी नहीं छोड़ा सत्य और धर्म का साथ : कथावाचक हाकिम सिंह
पुखरायां।भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के बिदखुरी गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथावाचक ने श्रोताओं को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा सुनाई।कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।
शुक्रवार को कथा का वर्णन करते हुए हसनपुर से आए कथावाचक हाकिम सिंह ने कहा कि राजा हरिश्चंद्र को एक सत्यवादी,महादानी और धर्मपरायण राजा के रूप में याद किया जाता है।विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने धर्म और सत्य का साथ नहीं छोड़ा।जिस कारण आज भी उन्हें सम्मान से याद किया जाता है।
कथावाचक ने कहा एक बार महर्षि विश्वामित्र राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा लेने पहुंचे और उन्होंने राजा का सारा राज्य दान के रूप में मांग लिया।इस पर राजा ने खुशी खुशी अपना राज्य महर्षि विश्वामित्र को दान कर दिया।लेकिन इसके बाद महर्षि ने दक्षिणा भी मांगी।तब राजा हरिश्चंद्र ने खुद को और अपनी पत्नी व बच्चों को भी बेचने का फैसला किया।राजा हरिश्चंद्र की पत्नी तारामती और उनके पुत्र रोहिताश्व को एक व्यक्ति ने खरीद लिया।वहीं राजा हरिश्चंद्र को श्मशान के एक स्वामी ने खरीद लिया।
जहां वह कर वसूली का काम करने लगे।एक दिन रोहिताश्व को एक सांप ने काट लिया।जिस कारण उनकी मृत्यु हो गई।जब पत्नी तारा अपने पुत्र को श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लेकर आईं तो वहां राजा हरिश्चंद्र ने रानी से भी कर मांगा।तब रानी ने अपनी साड़ी को फाड़कर कर चुकाने का सोचा।कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।कथा के दौरान कानपुर देहात के शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल ने व्यास पीठ का पूजन कर आशीर्वाद लिया।कथा का समापन 17 फरवरी सोमवार को होगा तथा मंगलवार को कथा के समापन के अवसर पर हवन पूजन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर परीक्षित जयराम यादव,अंगूरी देवी,आयोजक धर्मेंद्र यादव पूर्व प्रधान,दिनेश कुमार,राहुल यादव,रेशू यादव,रामपाल,शिवराम सिंह,बलराम,पंकज यादव,इंद्रजीत,सुरजीत,धीरज सिंह यादव,मुनेश यादव,नीरज यादव,दलवीर सिंह यादव,दीपक यादव,सुरेश यादव,अतर सिंह यादव,परशुराम यादव,श्याम सिंह यादव,लाखन सिंह यादव बलवीर सिंह यादव बलराम सिंह यादव समेत ग्रामवासी व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
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