कमजोर स्कूलों को गोद लेकर उनके स्तर में सुधार करें जनप्रतिनिधि
शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कवायद किए जा रहे हैं। इसके तहत जिले के अफसरों एवं जनप्रतिनिधियों ने सैकड़ों परिषदीय स्कूलों को गोद लिया है। ये अफसर एवं जनप्रतिनिधि इन स्कूलों में सामान्य पठन-पाठन से लेकर साफ-सफाई व कायाकल्प समेत अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
कानपुर देहात,अमन यात्रा : शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कवायद किए जा रहे हैं। इसके तहत जिले के अफसरों एवं जनप्रतिनिधियों ने सैकड़ों परिषदीय स्कूलों को गोद लिया है। ये अफसर एवं जनप्रतिनिधि इन स्कूलों में सामान्य पठन-पाठन से लेकर साफ-सफाई व कायाकल्प समेत अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे। साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास का प्रयास करेंगे। गोद लेने वाले लोगो ने यदि ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई तो इन स्कूलों की तस्वीर बदली-बदली नजर आएगी। परिषदीय स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार और पठन-पाठन के स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने जिला स्तरीय अफसरों को एक-एक परिषदीय विद्यालय गोद लेने का निर्देश दिया था।
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जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों की सूची जारी कर उन्हें एक-एक स्कूल की जिम्मेदारी सौंपी है। इस आदेश के क्रम में अफसरों ने एक-एक स्कूल गोद लिया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई लिखाई के स्तर को जांचने के लिए संबंधित अधिकारी गोद लिए स्कूल का दौरा करेंगे। स्कूल के शिक्षकों को समय-समय पर विशेष दिशा-निर्देश भी देंगे। पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए उनके द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कुल मिलाकर सुविधा विस्तार और पढ़ाई का स्तर सुधार कर गोद लिए गए स्कूलों की तस्वीर बदलने का काम संबंधित अफसर करेंगे।
अवस्थापना सुविधाओं पर रहेगा जोर-
आपरेशन कायाकल्प के दौरान भले ही जिले के सैकड़ों स्कूलों की तस्वीर बदली हो लेकिन अभी भी ऐसी तमाम सुविधाएं हैं जो अनेक स्कूलों में नहीं हैं। सबसे बड़ी समस्या फर्नीचर की अनुपलब्धता है जिस कारण बच्चे जमीन में बैठकर पढ़ाई करते हैं। बिजली, पेयजल व दूसरे संसाधन भी कई स्कूलों में खस्ताहाल हैं। लोगों का कहना है कि अफसरों एवं जनप्रतिनिधियों को ऐसे विद्यालय गोद लेने चाहिए जहां अवस्थापना सुविधाओं पर कोई भी कार्य न हुआ हो। अच्छे विद्यालयों को गोद लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है।