कमिश्नरेट के जोन को नहीं माना जिला, शासन ने 10 और इंस्पेक्टरों के किए तबादले, जानिए पूरा मामला
कमिश्नरेट के जोन अलग जिले के तौर पर नहीं मानें जाएंगे। शासन ने राजस्व व्यवस्था के तहत बनाए जिले को ही विधानसभा चुनाव के चलते होने वाले तबादलों का आधार माना है। ऐसे में आने वाले दिनों में कमिश्नरेट और कानपुर आउटर में बड़े पैमाने में पुलिसकर्मियों के तबादले होंगे।
कानपुर, अमन यात्रा । कमिश्नरेट के जोन अलग जिले के तौर पर नहीं मानें जाएंगे। शासन ने राजस्व व्यवस्था के तहत बनाए जिले को ही विधानसभा चुनाव के चलते होने वाले तबादलों का आधार माना है। ऐसे में आने वाले दिनों में कमिश्नरेट और कानपुर आउटर में बड़े पैमाने में पुलिसकर्मियों के तबादले होंगे। मंगलवार को इसी कड़ी में शासन ने कमिश्नरेट में तैनात 10 इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया है।
विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले दिनों जिलों में तीन साल से जमे पुलिस कर्मियों के तबादले का निर्देश जारी हुआ था। हालांकि, पुलिस आयुक्त ने इस आदेश के संदर्भ में शासन से दिशा निर्देश मांगा था कि क्या कमिश्नरेट में भी यह लागू होगा। उन्होंने कुछ राज्यों का उदाहरण दिया था, जहां कमिश्नरेट के जोन को अलग जिला माना गया था। इस लिहाज से कमिश्नरेट में दारोगा संवर्ग के पुलिस अफसरों का जोनवार तबादला कर दिया गया था। हालांकि, शासन ने पुलिस आयुक्त के प्रस्ताव को नहीं माना है।
शासन ने राजस्व जिले को ही जिला माना है और जो भी पुलिसकर्मी कानपुर नगर में तैनात हैं, उन्हें निर्धारित समयावधि में स्थानांतरित करने को कहा है। इसका मतलब साफ है कि कमिश्नरेट में आने वाले समय में पुलिस कर्मियों के बड़ी संख्या में तबादले होंगे। कानपुर आउटर से भी तबादले किए जाएंगे। शासन ने निश्चित समयावधि पूरी करने वाले दारोगाओं की सूची मांगी है। उधर, मंगलवार को कमिश्नरेट में तैनात इंस्पेक्टर अतुल कुमार श्रीवास्तव को गोरखपुर जोन, अनुराग मिश्रा व कौशल किशोर मिश्रा को कानपुर जोन, राजकुमार, सतीश चंद्र साहू, संजीव कांत मिश्रा, संतोष कुमार आर्या, शिव शंकर, कैलाश चंद्र दुबे को लखनऊ जोन, सत्येंद्र शर्मा को आगरा जोन, और कुंज बिहारी मिश्रा को महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन मुख्यालय भेजा गया है।