अकबरपुर : सीवी रमन लघु शोध परियोजना के अंतर्गत छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा अकबरपुर महाविद्यालय को स्वीकृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत ब्राइट एंजिल्स एजुकेशन सेंटर में व्याख्यान एवं डेमोंसट्रेशन का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलसचिव डॉ0 अनिल कुमार यादव की गरिमामई उपस्थित रही।
उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि करके सीखना विज्ञान को बोधगम्य एवं सरल बनाता है। हमें जीवन के हर क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए तर्क एवं चिंतनपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने से पूर्व हमें क्यों और कैसे के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। हम यह पढ़ाई क्यों कर रहे हैं? और कैसे पढ़ रहे हैं? तथा इसका भावी जीवन में प्रयोग क्या होगा? इस प्रकार की जिज्ञासा विद्यार्थियों में होनी आवश्यक है।
प्रारंभिक स्तर पर बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर होने पर आगे की पढ़ाई में बहुत लाभ होता है। शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी, मीडिया प्लेटफॉर्म , एआई आदि का प्रयोग लाभप्रद होगा। कांसेप्ट को एप्लीकेशन में बदलना विद्यार्थियों को आना चाहिए जिससे वे विज्ञान जैसे जटिल विषयों को आसानी से समझ सकते हैं।
इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक (पीआई) एवं अकबरपुर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ0 विकास मिश्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ0 अनूप सचान ने खेल-खेल में सीखना तथा अन्वेषण विधि को अपनाने की अपील की। उसके पश्चात् ब्राइट एंजिल्स संस्था के निदेशक डॉ0 बलवीर सिंह ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
पूर्व में कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात अतिथियों का सम्मान साल्यार्पण एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।
उद्घाटन सत्र के पश्चात प्रथम तकनीकी सत्र हुआ जिसमें मेरठ की विज्ञान संचारक अंजलि ढाका ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बाती में मोम का प्रयोग करके पानी से दिया जलाना, दो साधारण से रसायनों की अभिक्रिया करवाकर ऊष्मा क्षेपी अभिक्रिया द्वारा बिना माचिस का प्रयोग करे हवन कुण्ड में अग्नि प्रज्वलित करना, जिव्हा के स्वाद ग्रंथियों को सक्रिय करके कागज़ के टुकड़े से मिठाई चखाना, दाब लंधिका विधि द्वारा लोटे का पानी गायब करना अपनी मर्जी के अनुसार वापस मंगवाना, शरीर पर आग रगड़ कर अग्नि स्नान करना, कपूर का प्रयोगकर भूख लगने पर आग खाना,मुड़े हुए त्रिशूल का प्रयोगकर दर्शकों को यकीन दिलाना कि त्रिशूल जीभ के आर पार हो गया, मन की बात पढ़कर बताना आदि प्रयोगों को कर के दिखा कर उनके वैज्ञानिक कारण को समझाया।
द्वितीय तकनीकी सत्र में अजीतमल औरैया के पूर्व प्रधानाचार्य एवं विज्ञान संचारक बृजेश दीक्षित ने पानी से लेंस बनाना, गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत समझाते हुए दो शंकु से बने उपकरण से समझाया कि किस प्रकार हमें यह ऊपर जाता हुआ प्रतीत होता है, मानव शरीर के द्वारा समझाया कि किस प्रकार हम संतुलन में स्थिर अवस्था में रह पाते हैं, चालन, संवहन, विकिरण को मोमबत्ती द्वारा कागज़ से बने बर्तन में पानी गरम कर समझाया, प्रकाश सीधी रेखा में चलता है,प्रकाश के परावर्तन के नियम को लेज़र टार्च के माध्यम से दिखाया, प्रकाश में ताप होता है को तापमापी द्वारा समझाया।
कार्यक्रम के तृतीय तकनीकी सत्र में विद्यार्थियों को टेलिस्कोप बनाना सिखाया गया तथा विज्ञान किट प्रदान की गई। इस विज्ञान किट के माध्यम से विद्यार्थी अपने घर से टेलिस्कोप का निर्माण करके लाएंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में ब्राइट एंजिल्स एजुकेशन सेंटर के निदेशक डॉ0 बलबीर सिंह, प्रधानाचार्य मीनाक्षी सिंह, विज्ञान शिक्षक अनुराग अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक डॉ0 विकास मिश्रा सहित समस्त शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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