कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
श्रीमद्भागवत कथा में सर्व प्रथम भव्य यात्रा रामजानकी मंदिर से प्रारंभ हुई। गांव से प्रारंभ होकर कलश यात्रा नगर के काली माता मंदिर होकर हनुमान मंदिर , भोले मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुँची। जिसमे क्षेत्र के हजारों लोगों ने सहभागिता दिखाई दी।
औरैया,अमन यात्रा । विकासखंड भाग्यनगर दिबियापुर क्षेत्र के ग्राम औतों में प्रारम्भ हुई श्रीमद्भागवत कथा में सर्व प्रथम भव्य यात्रा रामजानकी मंदिर से प्रारंभ हुई। गांव से प्रारंभ होकर कलश यात्रा नगर के काली माता मंदिर होकर हनुमान मंदिर , भोले मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुँची। जिसमे क्षेत्र के हजारों लोगों ने सहभागिता दिखाई दी। पीतवस्त्र धारण किये हुए 51 माताऐं कलश के साथ सम्मलित हुई। कलश यात्रा संपन्न होने के बाद 2 बजे से आचार्य केशवम अवस्थी द्वारा भागवत का वाचन हुआ। बुधवार को आचार्य ने भक्ति ज्ञान वैराग्य की बहुत सुंदर कथा सुनाई। उसके बाद गोकर्ण धुन्दकारी का उपाख्यान सुनाया।
आचार्य ने कहा कि संसार के लोग हमें नहीं चाहते हमसे चाहते है, जबकि परमात्मा हमसे कुछ नहीं चाहता हमें परमात्मा के प्रति समर्पित होना चाहिए। उसके बाद शुकदेव के जन्म की कथा सुनाई उसके उपरांत दुर्योधन के मृत्यु की कथा सुनाई और कहा कि दुर्योधन भी जब मरा तब उसे परिवार की ही याद आई और कहा कि खून के रिश्तों में कितनी भी दूरियाँ आ जाये पर वे कभी अलग नहीं किए जा सकते। मरते समय दुर्योधन को भी अपने परिवार की बहुत याद आई और दूसरी तरफ अश्वत्थामा के द्वारा द्रोपदी के पांच बच्चो की हत्या कर दी गई फिर भी द्रोपादी ने अश्वत्थामा को क्षमा कर दिया , क्यों की भारत की नारी सदा से ही त्याग और संघर्ष की पराकाष्ठा रही है। इस मौके पर कथा के आयोजक सूबेदार सिंह , रजत मिश्रा, प्रधान रवि मिश्रा, अंशुल दुबे आदि रहे।