कविता की रसधार, संगीत की मधुर धुन: ईश्वर प्रेम आश्रम में कला का अद्भुत संगम
केशव नगर स्थित ईश्वर प्रेम आश्रम में शनिवार को एक यादगार कवि सम्मेलन और शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया।

कानपुर: केशव नगर स्थित ईश्वर प्रेम आश्रम में शनिवार को एक यादगार कवि सम्मेलन और शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जहां कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिलों को छुआ, वहीं ध्रुपद गायक मनीष दुबे के शास्त्रीय गायन ने एक अलग ही समां बांध दिया।
कवियों ने छेड़े देशभक्ति और सामाजिक सरोकार के तार
कार्यक्रम का शुभारंभ आश्रम की प्रमुख संत प्रतिमा प्रेम द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती पूजन के साथ हुआ। कवि अशोक शास्त्री की अध्यक्षता में शुरू हुए कवि सम्मेलन में युवा से लेकर वरिष्ठ कवियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 10 वर्षीय नन्ही कवयित्री आरुवी ने अपनी रचना ‘तिरंगे पर विजय गाथा लिखी होगी….’ से देश प्रेम का जोश भरा, तो वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र शुक्ल ने ‘रबड़ की रीढ़ वाले लोग बढ़ते जा रहे हैं….’ के माध्यम से समाज की कटु सच्चाइयों को उजागर किया।
कवयित्री श्रीमती मणि तिवारी ने प्रेम की कोमल भावनाएं बिखेरीं, वहीं डॉ. दीपकुमार शुक्ल ने भक्ति और देशभक्ति का अद्भुत मेल प्रस्तुत किया। फतेहपुर से आईं कु. काव्या पटेल ने ‘मुझको मेरी तरह से पुकारा जाये…’ सुनाकर समाज की सोच पर करारा व्यंग्य किया। कवि राजेश ने बेटियों के महत्व को रेखांकित किया, जबकि संचालक राजेंद्र अवस्थी ने अपनी रचना से पहलगाम की घटना का मार्मिक चित्रण किया। अंत में, अध्यक्ष अशोक शास्त्री ने ‘बेटी है सौगात खुशी की…’ पढ़कर सभी को भावुक कर दिया।
शास्त्रीय संगीत से झूमे श्रोता
कवि सम्मेलन के बाद ध्रुपद गायक मनीष दुबे और उनकी टीम ने अपनी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। उनकी गायकी की गहराई और मधुरता ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम के समापन पर, संत प्रतिमा प्रेम ने सभी कलाकारों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। यह शाम कविता, संगीत और आध्यात्मिकता के एक अद्वितीय संगम के रूप में हमेशा याद रहेगी।
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