कहां लगा दी शिक्षकों-कर्मचारियों की पेंशन की रकम पूछता है अटेवा
शिक्षकों के वेतन से कटौती कर एनपीएस और जीपीएफ में हुए घोटाले को लेकर शिक्षकों में रोष हैं। नई पेंशन के अंतर्गत आने वाले शिक्षकों के कटौती का पैसा कहां जा रहा है यह किसी को नहीं पता। विभागीय बाबू शिक्षकों के पैसे से मालामाल हो रहे हैं क्योंकि वह प्राइवेट कंपनियों से कमीशन लेकर शिक्षकों की गाढ़ी कमाई का पैसा लगा रहे हैं।
कानपुर देहात। शिक्षकों के वेतन से कटौती कर एनपीएस और जीपीएफ में हुए घोटाले को लेकर शिक्षकों में रोष हैं। नई पेंशन के अंतर्गत आने वाले शिक्षकों के कटौती का पैसा कहां जा रहा है यह किसी को नहीं पता। विभागीय बाबू शिक्षकों के पैसे से मालामाल हो रहे हैं क्योंकि वह प्राइवेट कंपनियों से कमीशन लेकर शिक्षकों की गाढ़ी कमाई का पैसा लगा रहे हैं। इसको लेकर अटेवा-पेंशन बचाओ मंच की ओर से न्यू पेंशन स्कीम की जांच कराने और पुरानी पेंशन बहाली की मांग प्रदेश सरकार से की गई है। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम के पैसों को मनमाने ढंग से निजी कंपनियों में लगाने की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो।
उन्होंने इस मांग को लेकर सीएम, वित्तमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। बन्धु ने कहा कि एनपीएस दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। अटेवा ने इस बात की आशंका विगत कई वर्ष पहले ही कर दी थी जो आज सच साबित हुई है। इसीलिए अटेवा मुख्यमंत्री से मांग करता है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर सख्त कार्यवाही करते हुए एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करें। अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेशन योजना को बहाल नहीं किया गया तो इसी प्रकार लगातार एनपीएस के पैसों को निजी कंपनियों में निवेश कर सरकारी कर्मचारियों एवं सरकार को चूना लगाया जाता रहेगा।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ राजेश कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन ही सेवानिवृत्त कर्मचारी के बुढ़ापे का सम्मान है जिसे तत्काल बहाल किया जाए। इतना ही नहीं सभी जनप्रतिनिधियों की पुरानी पेंशन समाप्त कर नई पेंशन लागू की जाए जिससे कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो सके और वे यह आकलन कर सके कि पुरानी पेंशन बेहतर है या नई पेंशन।