कानपुर की दिव्या और अनंत का आइएएस बनने का सपना साकार, पढ़िए- उनकी सफलता का राज
शहर के होनहारों ने मेहनत, लगन और मजबूत इच्छा शक्ति के दम पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में अफसर बनने का सपना साकार किया। उनकी कामयाबी पर माता, पिता, रिश्तेदार, शिक्षक और पड़ोसी भी गर्व कर रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से शुक्रवार को जारी नतीजों में नौबस्ता हनुमंत विहार की दिव्या मिश्रा की आल इंडिया 28वीं रैंक आई है। वह मौजूदा समय में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज में अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले वर्ष 312 रैंक हासिल की थी। किदवई नगर के अनंत द्विवेदी ने आल इंडिया 40 वीं रैंक हासिल की है। वह इस समय इनकम टैक्स, नई दिल्ली में उपायुक्त हैं। शहर से रहकर 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले वैभव जिंदल की आल इंडिया 253 वीं रैंक आई है।

कानपुर, अमन यात्रा। शहर के होनहारों ने मेहनत, लगन और मजबूत इच्छा शक्ति के दम पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में अफसर बनने का सपना साकार किया। उनकी कामयाबी पर माता, पिता, रिश्तेदार, शिक्षक और पड़ोसी भी गर्व कर रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से शुक्रवार को जारी नतीजों में नौबस्ता हनुमंत विहार की दिव्या मिश्रा की आल इंडिया 28वीं रैंक आई है। वह मौजूदा समय में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज में अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले वर्ष 312 रैंक हासिल की थी। किदवई नगर के अनंत द्विवेदी ने आल इंडिया 40 वीं रैंक हासिल की है। वह इस समय इनकम टैक्स, नई दिल्ली में उपायुक्त हैं। शहर से रहकर 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले वैभव जिंदल की आल इंडिया 253 वीं रैंक आई है।
इंटरनेट मीडिया से दूर रहकर की तैयारी, मिली सफलता
दिव्या मिश्रा शुरूआत से ही पढ़ाई में तेज रही हैं। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय, उन्नाव से 2006 में 96.6 फीसद अंकों के साथ टाप किया। 12 वीं की परीक्षा में भी 92.2 अंकों के साथ सर्वाेच्च स्थान पर रहीं। डा. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से बीटेक किया। बेहतर पढ़ाई के लिए कांस्य पदक हासिल हुआ। आइआइएम लखनऊ से स्ट्रेटिजिक मैनेजमेंट से पीएचडी किया। दिव्या मिश्रा ने पीएचडी के साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। नियमित आठ से 10 घंटे पढ़ाई की। इंटरनेट मीडिया से दूर रहीं। दूसरे प्रयास में आल इंडिया 312 रैंक आई, जबकि इस बार 28 वीं रैंक हासिल की। पिता दिनेश कुमार मिश्रा गोंडा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रिंसिपल हैं, जबकि मां मंजू मिश्रा हाउस वाइफ हैं। छोटा भाई दिव्यांशु मिश्रा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट हैं।
सेल्फ स्टडी और आनलाइन पढ़ाई से मिली कामयाबी
अनंत द्विवेदी को सेल्फ स्टडी और आनलाइन पढ़ाई से कामयाबी मिली। छठवीं बार के प्रयास में आल इंडिया 40 वीं रैंक आई। इनकम टैक्स विभाग के कार्य के साथ घर में रहकर तैयारी की। नियमित 10 से 12 घंटे मेहनत की। पिता सुशील कुमार द्विवेदी रिजर्व बैंक आफ इंडिया, दिल्ली में जीएम हैं, जबकि मां मधु द्विवेदी भी रिजर्व बैंक में हैं। अनंत ने 10वीं की परीक्षा वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर और अनंत ने 10वीं की परीक्षा वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर से बेहतर अंकों के साथ की। आइआइटी बीएचयू से 2012 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग से बीटेक किया। इसमें उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। यहां से नई दिल्ली में अनंत ने 2015 में इंडियन आडिट एंड अकाउंट सर्विसेज में चयन हुआ। 2016 में इनकम टैक्स में डिप्टी कमिश्नर के पद मिला।
कानपुर में रहकर मेहनत करना सीखा
आल इंडिया 253 वीं रैंक हासिल करने वाले वैभव जिंदल ने 12वीं तक की पढ़ाई सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर से पास की है। वह काकादेव में चाचा सुशील व विशाल जिंदल के साथ रहते थे। पिता प्रवीण जिंदल और मां ममता जिंदल छत्तीसगढ़ में रहते थे। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से बीकाम आनर्स किया। सिविल सर्विसेज की तीसरे बार के प्रयास में कामयाबी हासिल हुई। दिल्ली में कोचिंग के साथ ही 10 घंटे नियमित पढ़ाई की।
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