कानपुर

कानपुर की यूनीवर्सिटी में फाइन आर्ट के छात्रों की अनोखी पहल, बरगद बनाकर देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट के छात्र छात्राओं ने बीस फिट ऊंचा बरगद का पेड़ बनाना शुरू किया है। मूर्तिकला के नायाब इस नमूने को सभागार चौराहे पर स्थापित करने की तैयारी की जा रही है।

कानपुर, अमन यात्रा । क्या कभी सुना है कि साइकिल की चेन, रिम, मेडगार्ड व साइलेंसर जैसे कबाड़ से कोई खूबसूरत चीज बन सकती है। शायद नहीं। लेकिन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ‘सीएसजेएमयू’ के ललित कला के मास्टर आॅफ फाइन आर्ट के छात्र छात्राओं ने यह कर दिखाया है। वह स्क्रैप से एक ऐसा 20 फिट ऊंचा बरगद का पेड़ बना रहे हैं जो न केवल अब तक का सबसे बड़ा स्क्रैप्चर होगा बल्कि यह विश्वविद्यालय का परिचय भी देगा।

इसमें यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी ‘यूआइईटी’, फार्मेसी, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ हेल्थ ‘साइंसेज’, जीवन विज्ञान व बायोसाइंस व बायोटेक्नोलाॅजी समेत अन्य विभागों की झलक नजर जाएगा। दस दिन में यह पेड़ बनकर तैयार हो जाएगा। बेकार पड़ी लोहे की चीजोें को सही क्रम में आकार देकर इसे बनाया जा रहा है। मास्टर आॅफ फाइन आर्ट के सात छात्रों का समूह मूर्तकला का एक ऐसा नमूना तैयार कर रहा है जो विश्वविद्यालय के आकर्षण का केंद्र होगा। इस कलाकृति की खासियत यह है कि साइकिल चेन, मोटर के स्टेयरिंग, राॅड व बाइक स्पोकेट को जोड़कर इसे तैयार किया जा रहा है।

दो महीने से छात्र छात्राओं की टीम इस पर काम कर रही थी। अब इसे तैयार किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। करीब आठ फिट तक यह स्क्रैप्चर तैयार भी किया जा चुका है। विभागाध्यक्ष डाॅ. बृजेश स्वरूप कटियार के दिशा निर्देश में छात्र छात्राएं इसे तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कबाड़ की चीजों को मूर्तकला का रूप देना मुश्किल होता है। इसका कारण यह है कि ऐसी चीजों से किसी भी मूर्तकला को आकार देने के दौरान यह बीच-बीच में टूटने लगती है। इसे हिलने डुलने से रोकने के लिए स्कै्रप्चर आॅर्ट की बारीकियों का प्रयोग किया जा रहा है। वेल्डिंग के जरिए इन चीजों को तारतम्यता के साथ जोड़ा जा रहा है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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