कानपुर, अमन यात्रा। शहर के अतिव्यस्त चौराहे घंटाघर में मंगलवार की रात उस समय अचानक भीड़ लग गई, जब एक महिला बेहोश पड़ी मिली और पास में दुधमुंही बच्ची तेज-तेज रोते दिखाई दी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने दो घंटे तक 108 एंबुलेंस का इंतजार किया। एंबुलेंस न आने पर पुलिस ने ऑटो से महिला को केपीएम अस्पताल में भर्ती कराया। होश आने पर महिला ने घटना बताई तो पुलिस के भी होश उड़ गए।
पनकी थानाक्षेत्र के कपली गांव निवासी 30 वर्षीय बबली की शादी चार वर्ष पूर्व घाटमपुर के तिलसरा गांव निवासी आनंद कुमार से हुई थी। शादी के बाद से बबली की पति से नहीं बन रही थी। बबली के मुताबिक उसका पति शक करता है और चार माह पहले बेटी पैदा हुई तो घर से निकाल दिया। इसके बाद वह मायके चली आई थी। मायके वालों ने भी परवाह नहीं की और दो दिन पहले उसने बेटी को लेकर मायका छोड़ दिया था।
मंगलवार की रात घंटाघर चौराहे पर सेंट्रल स्टेशन के गेट नंबर दो के सामने वह बेहोश पड़ी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला के पास एक बैग पड़ा था और दुधमुंही बच्ची रो रही थी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों की भीड़ लग गई और पुलिस को फोन किया। हरबंशमोहाल थाने की सुतरखाना चौकी प्रभारी फोर्स के साथ पहुंचे। महिला को अर्द्धमूर्छित अवस्था में देख उन्होंने 108 एंबुलेंस पर फोन किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। चौकी प्रभारी ने बताया कि अॉटो से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर है।
अस्पताल में होश आने पर बबली ने पुलिस को बताया कि जेठ घंटाघर पर कहीं नौकरी करते हैं, इसलिए वह घाटमपुर से उनके पास जा रही थी। रास्ते में बस सवार एक युवक ने उसे पान मसाला खिलाया था, इसके बाद से उसे कुछ याद नहीं। होश आया तो खुद को अस्पताल में पाया। थाना प्रभारी सत्यदेव शर्मा ने बताया कि महिला के पास मिले फोन में मौजूद नंबरों के जरिए परिवार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कामयाबी नहीं मिली। पूरी तरह होश में आने के बाद पूछताछ कर उसके परिवार को बुलाया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।