कानपुर देहात, शिक्षा के क्षेत्र में आज एक नया इतिहास रचा गया। निपुण भारत मिशन के तहत परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक और दो के छात्रों के स्वतंत्र आकलन के परिणाम ने पूरे मंडल को चौंका दिया है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पुखरायां में डीएलएड के होनहार प्रशिक्षुओं द्वारा किए गए निष्पक्ष मूल्यांकन ने कानपुर देहात को शिक्षा के शिखर पर स्थापित कर दिया है।
बुधवार की शाम जारी हुए परिणामों में, कानपुर देहात ने मंडल में सर्वाधिक 677 निपुण विद्यालय घोषित करवाकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। यह उपलब्धि न केवल संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति जिले की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। कानपुर नगर 611 विद्यालयों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और औरैया क्रमशः 593, 570, 488 और 348 निपुण विद्यालयों के साथ पीछे रहे।
निपुण लक्ष्य ऐप: दक्षता का पैमाना
एसआरजी अनंत त्रिवेदी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दक्षताओं के आधार पर, डीएलएड प्रशिक्षुओं ने ‘निपुण लक्ष्य ऐप’ के माध्यम से बच्चों की भाषा और गणित कौशल का आकलन किया। इस ऐप ने पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करते हुए, यह निर्धारित किया कि क्या बच्चे अपनी कक्षा के अनुरूप अपेक्षित ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
आकलन की प्रक्रिया: निष्पक्ष और पारदर्शी
एसआरजी संत कुमार दीक्षित ने बताया कि ऐप के माध्यम से, छात्रों को निर्धारित समय सीमा में शब्दों और कहानियों को धाराप्रवाह पढ़ना था, और गणित के चार में से तीन प्रश्नों को सही हल करना था। एसआरजी अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि आकलन दो चरणों में किया गया, जिसमें दिसंबर 2024 में 559 और फरवरी 2025 में 316 विद्यालयों का मूल्यांकन शामिल था।
जिला समन्वयक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि डीएलएड के प्रत्येक छात्र ने प्रतिदिन दो विद्यालयों का दौरा किया और तुरंत परिणामों को ऑनलाइन अपलोड किया, जिससे 875 विद्यालयों में से 677 को निपुण घोषित किया गया।
विकास खंडों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
विकास खंडवार परिणामों में, मैथा ने 90 विद्यालयों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि अमरौधा, राजपुर, झींझक, सरवन खेड़ा, डेरापुर, अकबरपुर, रसूलाबाद, मलासा और संदलपुर ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
प्रशंसा और प्रेरणा
डायट प्राचार्य राजू राणा और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने इस शानदार उपलब्धि के लिए शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, एआरपी और एसआरजी के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सफलता जिले के शिक्षा जगत के लिए एक प्रेरणा है और भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करेगी।
यह परिणाम न केवल कानपुर देहात के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सही दिशा में किए गए प्रयास और समर्पण से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
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