दरअसल, खम्हैला गावं का रहने वाला राजकुमार मंगलवार की शाम अकबरपुर चौराहे पर सात वर्षीय बेटी आरती के साथ आया था। उसने आरती को अकबरपुर ओवरब्रिज के नीचे खड़ा कर दिया और रुपये फुटकर कराकर वापस आने की बात कही। इसके बाद वह बेटी को वापस ले जाना भूल गया। करीब डेढ़ घंटे तक गुमसुम खड़ी आरती का सब्र टूटा तो वह फूट फूट कर रोने लगी। उसे रोता देखकर राहगीरों ने पूछा तो उसने पूरी बात बताई। इसके बाद राहगीर उसे कोतवाली ले गए और पुलिस को सौंप दिया। कोतवाली में महिला पुलिस कर्मियों ने बिस्किट और जूस देकर उसे चुप कराया।
राजकुमार ने पुलिस को बताया कि मंगलवार को पत्नी विनीता से विवाद हो गया। इसपर विनीता घर छोड़कर अपने मायके बारा गांव आ गई थी। पत्नी से विवाद को लेकर वह काफी तनाव में था। मंगलवार की देरशाम वह बेटी को लेकर पत्नी विनीता को लेने के लिए बारा जा रहा था। अकबरपुर चौराहे पर बेटी को खड़ाकर के रुपये फुटकर कराने चला गया।
इसके बाद मानसिक तनाव के चलते बेटी के बारे में भूल गया और सीधे बारा गांव पहुंच गया। जहां पर उसे आरती के बारे में याद आया और विनीता के साथ उसकी खोजबीन करने अकबरपुर आ गया। बेटी का पता नहीं चला तो कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराने आ गया। उसकी बातें सुनकर पुलिस कर्मी भी पसीज गए और समझाकर बेटी सुपुर्द करके उसे घर भेज दिया। अकबरपुर एसएसआई मंजीत दयाल ने बताया कि बेटी के पिता को समझाया गया है कि दोबारा ऐसी गलती न करें और उसका सही से ख्याल रखें।
कानपुर देहात,अमन यात्रा : कानपुर देहात के अकबरपुर में अजीब-ओ-गरीब घटना सामने आई। एक पिता अपनी बेटी को चौराहे पर खड़ा करके भूल गया और फिर शाम को वह कोतवाली में उसकी गुशुदगी दर्ज कराने पहुंच गया। उसकी इस हरकत पर पहले तो पुलिस कर्मियों ने नारागजी जताई लेकिन उसकी दास्तां सुनकर वो भी पसीज गए।