कानपुर देहात में आंगनवाड़ी केंद्रों का भ्रष्टाचार: अधिकारियों को नोटिस
कानपुर देहात के विकासखंड अकबरपुर की ग्राम पंचायत ज्योतिष के मजरे पालनगर एवं कजनार बगिया में बन रहे आंगनवाड़ी केंद्रों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है।

- कानपुर देहात में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में गड़बड़ी, मुख्य विकास अधिकारी ने लिया सख्त रुख
- मनरेगा योजना में गड़बड़ी: आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में गुणवत्ता पर सवाल
- आंगनवाड़ी केंद्रों में घोटाले का खुलासा, अधिकारियों पर गिरी गाज
कानपुर देहात: कानपुर देहात के विकासखंड अकबरपुर की ग्राम पंचायत ज्योतिष के मजरे पालनगर एवं कजनार बगिया में बन रहे आंगनवाड़ी केंद्रों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है। मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन ने जब इन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया गया है और निर्माण मानकों का पालन नहीं किया गया। इस गंभीर लापरवाही पर मुख्य विकास अधिकारी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों और ग्राम प्रधान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
क्या हुआ था निरीक्षण के दौरान?
- घटिया सामग्री और मानक विहीन निर्माण: निरीक्षण के दौरान पाया गया कि निर्माण कार्य में प्रयुक्त की गई सामग्री मानक के अनुरूप नहीं थी। इसके अलावा, निर्माण कार्य भी मानकों के अनुरूप नहीं किया जा रहा था।
- मनरेगा नियमों का उल्लंघन: यह निर्माण कार्य मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा था, लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा मस्टर रोल जारी नहीं किया गया था, जो कि एक गंभीर नियम उल्लंघन है।
क्या कार्रवाई हुई?
- अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई: मुख्य विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी अरविन्द गौतम और अवर अभियंता आलोक यादव का वेतन रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी प्रस्तावित है।
- ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई: ग्राम प्रधान दीपक यादव को उनके पद से हटाने और उनके वित्तीय अधिकार सीज करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
- निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के आदेश: वर्तमान में किए गए निर्माण कार्य को ध्वस्त करने और ग्राम प्रधान से इस कार्य में खर्च की गई धनराशि वसूल करने के आदेश दिए गए हैं।
- एक माह के भीतर पुनर्निर्माण: ग्राम प्रधान को एक माह के भीतर निर्माण कार्य को दोबारा कराने के निर्देश दिए गए हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान पर डाली गई है।
अन्य आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच:
- जिला स्तरीय कमेटी का गठन: मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद की अन्य ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया है।
- मासिक जांच: यह कमेटी महीने में कम से कम दो आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई: यदि किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र में गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में हो रही गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह भी दर्शाता है कि सरकार बच्चों के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है और वह सुनिश्चित करना चाहती है कि उन्हें सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में शिक्षा मिल सके।
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