कानपुर देहात में ‘ऑपरेशन भूकंप’: NDRF और जिला प्रशासन ने दिखाई आपदा से निपटने की ताकत
धरती कांपी, इमारतें हिलीं, और मची अफरातफरी... लेकिन ये कोई वास्तविक आपदा नहीं, बल्कि कानपुर देहात में भूकंप से निपटने की तैयारियों का एक जीवंत प्रदर्शन था।

- स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बना 'भूकंप क्षेत्र', मॉक ड्रिल में दिखी त्वरित प्रतिक्रिया
कानपुर देहात: धरती कांपी, इमारतें हिलीं, और मची अफरातफरी… लेकिन ये कोई वास्तविक आपदा नहीं, बल्कि कानपुर देहात में भूकंप से निपटने की तैयारियों का एक जीवंत प्रदर्शन था। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और 11वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने संयुक्त रूप से स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय और संवत अस्पताल को ‘भूकंप क्षेत्र’ में बदलकर एक रोमांचक मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
इस ‘ऑपरेशन भूकंप’ की शुरुआत मां मुक्तेश्वरी सभागार में हुई, जहां NDRF के विशेषज्ञों ने सभी हितधारकों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए। भूकंप की संवेदनशीलता और मॉक ड्रिल की बारीकियों पर चर्चा हुई।
फिर शुरू हुआ असली ‘खेल’। दोपहर 1:30 बजे, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में भूकंप के झटके महसूस किए गए। देखते ही देखते, NDRF के जवान और स्थानीय आपदा प्रबंधन दल सक्रिय हो गए। रस्सी की मदद से ‘घायलों’ को सुरक्षित निकाला गया, ‘आग’ पर काबू पाया गया, और एम्बुलेंस की सायरन गूंजने लगीं।
इस मॉक ड्रिल में अपर जिलाधिकारी दुष्यंत कुमार मौर्य, NDRF के डिप्टी कमांडेंट अनिल पॉल, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
यह ‘ऑपरेशन भूकंप’ न केवल एक अभ्यास था, बल्कि कानपुर देहात की आपदा से निपटने की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक भी था। इस मॉक ड्रिल ने दिखाया कि जब तैयारी और समन्वय सही हो, तो किसी भी आपदा का सामना किया जा सकता है।
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